अमरावती: आंध्र प्रदेश के किसान आजकल काफी परेशान हैैं। अच्छी बारिश के बावजूद उन्हें जमीन की जुताई में मुश्किलें आ रही है क्योंकि उन्हें मजदूरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल भी किसानों को कोरोना महामारी के कारण समस्या का सामना करना पड़ा था। इस वर्ष स्थिति में सुधार नहीं हुआ है और निरंतर लॉकडाऊन और अन्य निवारक उपाय कृषि गतिविधि में बाधा डाल रहे हैं। जो श्रमिक पिछले साल अपने पैतृक गांवों के लिए रवाना हुए थे, वे अभी पूरी संख्या में वापस नहीं आए हैं। होटल उद्योग, निर्माण इकाई, कारखानों और कृषि आदी जगहों पर मजदूरों की कमी की समस्या आम है।
हालांकि श्रम की कमी कृषि क्षेत्र को भी प्रभावित कर रही है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के साथ आंध्र प्रदेश में धान, कपास, मिर्च, गन्ना और मूंगफली (धान की अधिक हिस्सेदारी के साथ) जैसी प्रमुख फसलों की खेती के तहत सबसे अधिक क्षेत्र है। पड़ोसी राज्यों के हजारों मजदूर काम के अवसर के लिए आंध्र प्रदेश आते हैं और मौसम के दौरान खेती की गतिविधियों में किसानों की मदद करते हैं और मौसम के अंत के बाद अपने मूल स्थानों पर लौट जाते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के डर से मजदूर पिछले अप्रैल में अपने घर के लिए निकले हैं और अभी तक नहीं लौटे हैं। मजदूरों की भारी कमी के कारण किसान असमंजस की स्थिति में है। सैकड़ों बिचौलिए गन्ना और अन्य किसानों को मजदूर मुहैया कराकर अपनी आजीविका चलाते थे।
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