केंद्र सरकार द्वारा ‘एक्स-मिल’ चीनी की कीमत 33-34 रुपये तक बढ़ाने का विचार

नई दिल्ली: चीनी मंडी

गन्ना उत्पादकों के उच्च बकाया संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार चीनी की ‘एक्स-मिल’ कीमत 29 रुपये की वर्तमान दर के मुकाबले 33-34 रुपये प्रति किलो कर सकती है और निजी मिलों के लिए अगले वर्ष कम से कम सात लाख मेट्रिक टन निर्यात अनिवार्य बनाने पर वचार विमर्श भी शुरू है ।

100 संसदीय सीटों के चुनाव के परिणाम हो सकते है प्रभावित

देशभर में आम तौर पर अप्रैल में गन्ना बकाया चोटी पर पहुँचने का अनुमान है, जो 2019 के लोकसभा चुनावों के एक महीने पहले होगा और गन्ना किसान कम से कम 100 संसदीय सीटों के चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं। इस राजनैतिक और कृषि संकट को टालने के लिए सरकारद्वारा जल्द ही ‘एक्स-मिल’ चीनी की न्यूनतम कीमत बढ़ाने की घोषणा की जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि, इन विकल्पों को ध्यान में रखते हुए माना जा रहा है कि, अप्रैल के दौरान चोटी के बम्पर फसल के कारण बकाया 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता हैं। पिछले अप्रैल में अधिकतम बकाया राशि 23,000 करोड़ रुपये से अधिक थी। अगला चीनी मौसम अक्टूबर से शुरू होनेवाला है।

चीनी की ‘एक्स गेट’ कीमत बढ़ाना ही विकल्प

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि, मिलों ने स्पष्ट किया है कि, अगर चीनी के दर में वृद्धि नहीं हुई, तो गन्ना बकाया जल्द से जल्द भुगतान करना संभव नहीं होगा,। किसानों की चिंताओं को दूर करने का निर्णय लेने के अलावा सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है। मिलों ने कहा है कि, 29 रुपये के एक्स-गेट चीनी दर से वे किसानों की बकाया राशि नही चूका सकते हैं, जो दर उत्पादन की लागत को भी ठीक नहीं करता है।

चीनी का कुल भंडार होगा करीब 19 लाख मेट्रिक टन

मौजूदा सीजन से करीब 10.5 मिलियन टन के अतिरिक्त स्टॉक की संभावना है, अनुमानों के अनुसार, अक्टूबर 2018 और सितंबर 2019 सीजन के बीच लगभग 35 लाख मेट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया जाएगा। लगभग 26 मिलियन टन की घरेलू मांग को पूरा करने के बाद भी, पिछले साल का अधिशेष ध्यान में रखते हुए चीनी का कुल भंडार करीब 19 लाख मेट्रिक टन होगा।

कैबिनेट सचिवों की अध्यक्षता में समिति गठित

चीनी के बम्पर उत्पादन से निपटने के लिय हल ही में कैबिनेट सचिवों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसने अतिरिक्त चीनी उत्पादन से निपटने के लिए चीनी निर्यात के अलावा दूसरा विकल्प नही बचता, ऐसा स्पष्ट कर दिया है, इसके चलते सरकार द्वारा चीनी निर्यात के लिए तेजी से कदम उठाये जा रहे है ।

SOURCEChiniMandi

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