बुलढाना : चीनी मंडी
दुसरबीड स्थित जिजामाता सहकारी मिल के चीनी की नीलामी करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने चीनी बिक्री से प्राप्त आय का भुगतान कामगार संघटन के सदस्यों को करने के निर्देश महाराष्ट्र राज्य बैंक को दिया गया है। जिजामाता सहकारी चीनी मिल 2002 अवसायन हुई, हालाकि मिल के श्रमिकों का वेतन, बोनस अभी भी बकाया है।
इस बीच 30 जून 2009 को मिल जालना के जिजामाता शुगर प्रा.लि. को दोबारा 15 करोड़ 15 लाख रुपयों में बेचीं गई। 2011-2012 सीजन में 50 हजार टन गन्ने की पेराई के साथ 52 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन किया था। बुलढाना अर्बन बैंक ने जिजामाता शुगर के विनय कोठारी को इस चीनी के बदले 10 करोंड रूपये दिए थे। 37 हजार क्विंटल चीनी बेचकर बुलढाना अर्बन बैंक ने 15 करोंड वसूले थे। इसके विरोध में मजदूर यूनियन के नेता राजन चौधरी ने 10 मई 2012 को उच्च न्यायलय के नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। इसके बाद चीनी मिल बिक्री अनुबंध रद्द करते हुए मिल को राज्य सरकार को सौप दिया गया। उसके बाद बुलढाना अर्बन द्वारा फिर एक बार उच्च न्यायालय में क्रिमिनल रिट दायर की और फैसला भी उनकी तरफ से हुआ। राजन चौधरी फिर इस फैसले के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। आख़िरकार 25 फरवरी को जिजामाता मिल के चीनी नीलामी का आदेश दिया गया।
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.