मलावी में भारत के मदद से बनी सलीमा चीनी मिल से 4,000 से अधिक स्थानीय लोगों को मिला रोजगार

लिलोंग्वे/नई दिल्ली : भारत से ऋण सहायता (Line of Credit assistance) के तहत दक्षिण पूर्व अफ्रीकी देश मलावी में स्थापित सलीमा चीनी मिल के माध्यम से 4,000 से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है, और यह मिल मलावी की कुल चीनी आवश्यकता का 15% आपूर्ति करता है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने दक्षिण पूर्व अफ्रीका में मलावी देश के दौरे में मिल का निरीक्षण किया। चीनी मिल का निर्माण 33.64 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता के तहत किया गया है। मिल का निर्माण मार्च 2013 में शुरू हुआ और अक्टूबर 2015 में कम पूरा हुआ। इसे आधिकारिक तौर पर 15 अगस्त, 2016 को मलावी के राष्ट्रपति आर्थर पीटर मुथारिका द्वारा कमीशन किया गया था। यह मिल राजधानी लिलोंग्वे से 100 किमी दूर सलीमा में स्थित है।

सलीमा मिल की प्रतिदिन 1,250 मीट्रिक टन गन्ने की पेराई करने की क्षमता है। मलावी सरकार के पास कंपनी के 40 प्रतिशत शेयर हैं, 60 प्रतिशत शेयर इसके प्रमोटरों, गुजरात स्थित भारतीय कंपनी, ओम् शुगर कंपनी लिमिटेड के पास हैं। कंपनी के पास लगभग 4,000 हेक्टेयर भूमि है और वर्तमान में 1,000 हेक्टेयर भूमि पर खेती की जा रही है। खेत और मिल मलावी झील के बगल में स्थित है, जो अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी झील है। गन्ने की फसल के लिए ड्रिप, बाढ़ और धुरी सिंचाई का उपयोग किया जाता है। सलीमा शुगर अपना गन्ना खुद उगाती है और साथ ही छोटे किसानों से गन्ना खरीदती है।

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