पुणे : नेचुरल शुगर एंड एलाइड इंडस्ट्रीज की चीनी मिल का लक्ष्य राजस्व के नए अवसर तलाशना है। उस्मानाबाद के कलंब तालुका में स्थित इस मिल का उद्देश्य बायो सीएनजी बनाने के लिए प्रेस मड का उपयोग करना है। अब मिल वेस्ट (waste) से ऊर्जा उत्पादन करने जा रही है। मिल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बी. बी. ठोंबरे ने कहा कि, इस तकनीक से मिलों को कृषि अपशिष्ट का पुन: उपयोग करने में मदद मिलेगी, जिसका अब तक केवल खाद के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। प्रेस मड गन्ने के रस को बार-बार छानने पर प्राप्त होता है। फिल्टर समय-समय पर साफ किए जाते हैं, और वेस्ट को मिल के यार्ड में जमा किया जाता है। प्रति टन गन्ने की पेराई करने पर लगभग 3 से 4 प्रतिशत प्रेस मड प्राप्त होता है। वर्तमान में, मिलें इस प्रेस मड को खाद के रूप में पुनर्चक्रित करके क्षेत्र के किसानों को आपूर्ति करती हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस में प्राकशित खबर के मुताबिक, हालांकि, ठोंबरे ने बताया की, इस प्रक्रिया में प्रेस मड के BOD (biological oxygen demand) और COD (chemical oxygen demand) को कम करना और प्राकृतिक गैस को घोल से अलग करना शामिल होगा। जबकि प्राप्त गैस को संपीड़ित किया जाएगा और ईंधन कंपनी को जैव सीएनजी के रूप में बेचा जाएगा। ठोंबरे ने कहा, इस तकनीक का एक पायलट प्लांट कोल्हापुर स्थित वारणा सहकारी चीनी मिल में संचालित किया गया है। उस्मानाबाद में संयंत्र प्रति दिन 100 टन प्रेस मड का उपयोग करेगा और 5-6 टन बायो सीएनजी का उत्पादन करेगा। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी (एचपी) मिल से 75 रुपये किलो की दर से इसे खरीदने के लिए तैयार हो गई है।















