काठमांडू : नेपाल सरकार द्वारा फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और यूट्यूब सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के विरोध में हज़ारों प्रदर्शनकारी काठमांडू की सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों से झड़प के बाद, न्यू बानेश्वर में संसद भवन को घेर लिया गया और बैरिकेड्स फांदकर अंदर घुस गए, जिसके बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में आंसू गैस और पानी की बौछारें छोड़ीं। रिपोर्टों के अनुसार, झड़पों में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है।
विरोध प्रदर्शनों में हुई मौतों की संख्या अलग-अलग रिपोर्टों में बताई गई है। एसोसिएटेड प्रेस समाचार एजेंसी ने नेपाली मीडिया के हवाले से बताया कि, आठ लोगों की मौत हुई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने नेपाल पुलिस के हवाले से बताया कि कम से कम नौ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। समाचार एजेंसी एएफपी ने पुलिस के हवाले से बताया कि, सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर नेपाल में हुए विरोध प्रदर्शन में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है।
सोमवार को स्थिति तब और बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र का उल्लंघन किया और संसद परिसर में घुस गए, जिसके बाद अधिकारियों को कर्फ्यू लगाना पड़ा। रिपोर्टों में ‘जेन जेड’ प्रदर्शनकारियों के रूप में वर्णित प्रदर्शनकारियों को सोशल मीडिया पर सामने आए कई वीडियो में संसद में घुसते हुए देखा गया। रिपोर्टों के अनुसार, काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने राजधानी के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया है। कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में संसद, सरकारी सचिवालय, राष्ट्रपति भवन और अन्य उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र शामिल हैं।
विरोध प्रदर्शन का कारण क्या है?
यह व्यापक विरोध नेपाल सरकार द्वारा फेसबुक, एक्स और यूट्यूब सहित 26 सोशल मीडिया साइटों और ऐप्स को सरकारी निगरानी में पंजीकरण और अनुपालन न करने के कारण ब्लॉक करने के फैसले के विरोध में है।गुरुवार आधी रात को लागू हुए इस प्रतिबंध पर मानवाधिकार और प्रेस स्वतंत्रता समूहों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में बाधा डालने और व्यवसायों को नुकसान पहुँचाने का आरोप लगाया गया है।