मुंबई: NCP प्रमुख, पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने चीनी उद्योग से आग्रह किया है कि, वह अपने बायप्रोडक्ट जैसे कि इथेनॉल और मोलासेस उत्पादन पर अधिक से अधिक ध्यान दें ताकि ससटेनेबल एनर्जी पैदा की जा सके। उन्होंने कहा की, यह समय है जब हम चीनी से इसके उपोत्पादों में स्थानांतरित हो जाए। गन्ने के रस से हम इथेनॉल और मोलासेस बना सकते हैं, जिसे सीएनजी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
वाई बी चव्हाण केंद्र में कृषि, अन्नासाहेब शिंदे की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित एक सम्मेलन को पवार संबोधित कर रहे थे। पवार ने कहा कि, देश के भंडारगृहों में चीनी के पर्याप्त भंडार के चलते चीनी क्षेत्र में बदलाव के बारे में सोचना आवश्यक है। पवार ने कहा कि, केंद्र सरकार को नई दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के प्रति संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा, सत्ता में बैठे लोगों को यह देखना चाहिए कि ठंड से जूझ रहे और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान कभी भी गलत कदम नही उठाएंगे।