मुंबई: चक्रवात तौकते से लगभग 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है, जिसमें कृषि क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। गुजरात और दीव तेज हवा और परिणामी बाढ़ के कारण सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर (मुख्य रूप से पश्चिमी तट के साथ बंदरगाह) और उपयोगिताओं (बिजली और दूरसंचार) क्षेत्रों को भी इस तरह के नुकसान के कारण गंभीर रूप से प्रभावित किया गया है। राज्यों में, केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र चक्रवात से आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन आदि के क्षेत्र में काम करने वाली फर्म ‘आरएमएसआई’ के सीनियर वीपी पुष्पेंद्र जौहरी के अनुसार, तौकते चक्रवात ने भारत के पश्चिमी तट के साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रभावित किया। जोहरी ने कहा कि, जलवायु परिवर्तन पर हाल के अध्ययनों ने अरब सागर में समुद्र की सतह के बढ़ते तापमान को उजागर किया है जिससे इन क्षेत्रों में चक्रवातों की आवृत्ति में वृद्धि होगी। ‘आरएमएसआई’ का अनुमान है कि, कुल 15,000 करोड़ रुपये के नुकसान में से कम से कम आधा गुजरात और दमन और दीव में होने की उम्मीद है। चक्रवात से प्रभावित सभी राज्यों से कृषि क्षेत्र से लगभग 25-40% नुकसान की उम्मीद है।