तंजावुर: जिले में एक बंद निजी चीनी मिल से जुड़े हजारो गन्ना किसानों ने मिल से लगभग 99 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान प्राप्त करने के लिए जिला प्रशासन पर अपनी उम्मीदें टिका दी हैं। द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, निजी चीनी मिल 2016-17 में पेराई सत्र के दौरान गन्ने की आपूर्ति के लिए ₹6.53 करोड़ और अगले सीजन के लिए ₹28.64 करोड़ वितरित करने में विफल रही है। तंजावुर जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों ने ₹ 4.44 करोड़ की रिकवरी की और गन्ना किसानों के खातों में जमा कर दिया। हालांकि, पिछले मई में जिला प्रशासन द्वारा अंतरिम समाधान कार्मिक (आईआरपी) के समक्ष दायर किए गए फॉर्म सी के अनुसार ₹52.50 करोड़ (ब्याज के साथ) की शेष राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
हालांकि बकाया राशि जून 2019 में ₹78.54 करोड़ थी, लेकिन कंपनी द्वारा इस अवैतनिक राशि पर भुगतान किए जाने वाले ब्याज ने कुल बकाया राशि का आंकड़ा ₹ 99 करोड़ तक पहुंच गया है। तंजावुर जिला कावेरी किसान कल्याण संरक्षण संघ के सचिव, सुंदर विमलनाथन के अनुसार, एक डिस्टिलरी कंपनी ने बंद चीनी मिल को अपने कब्जे में लेने की पेशकश की थी, और कथित तौर पर किसानों के ‘बकाया भुगतान’ के लिए लगभग 52 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए सहमत हुई थी। तंजावुर जिला कावेरी किसान कल्याण संरक्षण संघ के सचिव सुंदरा विमलनाथन ने ‘प्रस्ताव’ को अनैतिक बताते हुए 7 फरवरी को आईआरपी द्वारा बुलाई गई बैठक में जिला प्रशासन से किसानों की पूर्ण भुगतान की मांग को ब्याज सहित रखने और कृषक समुदाय के साथ न्याय करने का आह्वान किया है।