नई दिल्ली: पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) इनफ्लो चालू वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो हाल के वर्षों में विभिन्न जमीनी आर्थिक सुधारों और व्यापार करने में महत्वपूर्ण आसानी के कारण संभव हो चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दुनिया भर की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने कहा कि, पिछले दो वर्षों के दौरान सरकार द्वारा किए गए विभिन्न गतिशील सुधार जीडीपी वृद्धि के लिए फायदेमंद साबित हो रहे है। हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि लगभग 9 प्रतिशत पर समेकित हुई, जो कि अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।मुल्तानी ने कहा कि, चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 8 प्रतिशत से अधिक की जीडीपी वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है, जो दुनिया के शीर्ष दस अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
हालांकि, मुल्तानी के अनुसार, 2022-23 में भूराजनीतिक संघर्ष, उच्च मुद्रास्फीति और नए कोविड वेरिएंट की संभावनाएं प्रमुख चिंताजनक कारक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में नॉमिनल जीडीपी 12-12.5 प्रतिशत (8 प्रतिशत वास्तविक जीडीपी और 4-4.5 प्रतिशत मुद्रास्फीति) की दर से बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था 2022-23 में 3350-3400 बिलियन डॉलर के आकार को प्राप्त कर लेगी।रिपोर्ट में कहा गया है कि, 2026-27 तक अर्थव्यवस्था का आकार 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।














