लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का बकाया भुगतान अब भी बडी समस्या बनी हुई है। सरकार द्वारा बार बार कार्रवाई की चेतावनी देने के बावजूद कई मिलें शत प्रतिशत भुगतान में विफल साबित हुई है। बकाया भुगतान की मांग को लेकर अब कई किसान संगठन प्रदेश में जगह जगह आंदोलन कर ही है। आपको बता दे की, चीनी मिलों पर 1 सितंबर तक गन्ना किसानों का लगभग 4,832 करोड़ रुपये बकाया है।
हालांकि, खाद्य और उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के अनुसार, मिलों ने कुल बकाया का 30,368.73 करोड़ रुपये (86.27 प्रतिशत) भुगतान किया है। मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बसपा सांसद कुंवर दानिश अली को 8 सितंबर को लिखे एक पत्र में इसकी जानकारी दी, जिसे बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पोस्ट किया गया।
सिम्भावली हो या अन्य चीनी मिलें, गन्ना किसानों के शोषण में कोई पीछे नहीं! किसान अपने बक़ाया भुगतान के लिए सरकार से गुहार लगा रहें है लेकिन सरकार के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है। गन्ना किसानों को आत्महत्या करने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? @myogiadityanath @narendramodi pic.twitter.com/NDCWLNQzqr
— Kunwar Danish Ali (@KDanishAli) September 16, 2022
अली ने पांच अगस्त को लोकसभा में गन्ना बकाया का मुद्दा उठाया था। उसी के जवाब में, मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि, 2021-22 विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए कुल देय 35,201.22 करोड़ रुपये में से, उत्तर प्रदेश में मिलों ने किसानों को 30,368.73 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इस समय मिलों द्वारा गन्ना किसानों को 4,832.49 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जाना बाकी है। बकाया भुगतान के लिए मिलों को नोटिस जारी किया गया है।















