यूपी के गन्ना किसानों की हालत हुई खस्ता…

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लखनऊ: चीनीमंडी

उत्तर प्रदेश में हजारो एकड़ खेतों में अभी भी गन्ना खड़ा है, लेकिन फिर भी कई सारी चीनी मिलें पेराई खत्म कर रही है, इससे किसान काफी परेशान है। खेतों में खड़े गन्ने की फसल का आखिर करे क्या? यह सवाल किसानों को सता रहा है, लेकिन ऐसे वक़्त में किसान को कोई भी तसल्ली देने के लिए भी आगे नही आ रहा है। लोकसभा चुनाव के चलते किसानों की आवाज सुनने में किसीको भी दिलचस्पी नही है, जिससे किसान काफी नाराज है। गन्ना विभाग के मुताबिक मेरठ के कई इलाकों में करीब एक करोड़ क्विंटल गन्ना खड़ा है।

गन्ना पेराई सत्र लगभग लगभग खत्म होने की कगार पर है। राज्य के कई जिलों में बढ़ते गन्ना बकाया से राहत पाने के लिए कई मिलों ने पेराई खत्म की है।बुलंदशहर की वेव शुगर मिल बंद हो चुकी है और बजाज ग्रुप की किनौनी व सिंभावली ग्रुप की बृजनाथपुर शुगर मिल बंद जल्द बंद हो जाएगी। कर्मियों की कमी से किसान पर्याप्त मात्रा में गन्ना आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। कई मिलों ने मांग से कम गन्ना मिलने पर सेंटर बंद करने शुरू कर दिए हैं।

गेहूं कटाई के चलते मजदूर अपने घर लौटने लगे हैं। इससे गन्ना छिलाई और आपूर्ति प्रभावित हो गई है। गन्ना आयुक्त द्वारा स्पष्ट कहा गया है की, अवशेष गन्ना लिए बगैर मिल बंद नहीं होने दी जाएगी। गन्ना किसानों की परेशानी का खामियाजा राज्य की सत्ताधारी भाजपा को उठाना पड़ सकता है, क्योंकि विपक्षी दल इस मुद्दे को चुनाव में उठा रहे है और इसे भाजपा की विफलता की तौर पर गिन रहे है।

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