लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश ने पिछले कुछ सालों में गन्ना और चीनी उत्पादन में नया मुकाम हासिल कर लिया है। इतना ही नही इस 2024-25 सीजन में भी उत्तर प्रदेश ने चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर देश में अव्वल स्थान हासिल किया है। प्रदेश में अब भी कुछ मिलें चल रही है।प्रदेश में गन्ना उत्पादन को लेकर एक तरफ जहां किसान काफी उत्साहित दिखाई दे रहे है, वहीं दूसरी तरफ कई किसान गन्ना फसल से दूरी बनाते भी नजर आ रहे है। भास्कर में प्रकाशित खबर के मुताबिक, त्रिलोकपुर मझगई थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर में किसान गन्ने की खेती छोड़कर केले की खेती की ओर रुख कर रहे हैं।
किसान रामसागर ने कहा कि, चीनी मिलों को गन्ना देने के बाद भुगतान में एक से दो साल तक का समय लग जाता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए किसानों ने केले की खेती का विकल्प चुना है। किसानों के अनुसार, केले की फसल में सबसे बड़ा फायदा यह है कि व्यापारी सीधे खेत में आकर उपज की खरीदारी करते हैं। वजन करने के तुरंत बाद भुगतान मिल जाता है, जिससे दैनिक खर्चों को पूरा करने में आसानी होती है। यह बदलाव क्षेत्र के किसानों के लिए आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।अगर दूसरे किसानों ने भी केले की ओर रुख किया तो भविष्य में गन्ना क्षेत्र में और गिरावट आने की संभावना है।