लाहौर: लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने पंजाब के गन्ना आयुक्त को एक चीनी मिल और एक स्थानीय किसान से जुड़े भुगतान विवाद को दो सप्ताह के भीतर सुलझाने का निर्देश दिया है।किसान का दावा है की, मिल 2.4 मिलियन रुपये से अधिक के गन्ने के बकाया का भुगतान करने में विफल रही है।
न्यायमूर्ति शम्स महमूद मिर्जा ने यह निर्देश आमिर फारूक नामक किसान द्वारा दायर याचिका पर पारित किया, जिसने आरोप लगाया था कि रमजान चीनी मिल प्रशासन बार-बार याद दिलाने के बावजूद आपूर्ति किए गए गन्ने के भुगतान में जानबूझकर देरी कर रहा है। फारूक के वकील ने अदालत को बताया कि किसान ने मिल को 2.464 मिलियन रुपये का गन्ना दिया था, लेकिन प्रशासन बकाया चुकाने के अपने कानूनी दायित्व को पूरा करने के बजाय विभिन्न बहानों के तहत देरी करने की रणनीति अपना रहा है।