लखनऊ : सोमवार को चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कोऑपरेटिव व फेडरेशन की चीनी मिलों की गहन समीक्षा के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, इन मिलों की उत्पादन क्षमता के साथ-साथ वहां कार्यरत कार्मिकों की योग्यता का भी आकलन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने चीनी मिलों के मौजूदा 142 कार्यदिवसों को बढ़ाकर 155 दिन करने पर जोर दिया।उन्होंने कहा, चीनी उद्योग ने प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, बैठक में बताया गया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 285994 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है, जो 1995-2017 के 2,13,520 करोड़ रुपये की तुलना में 72474 करोड़ रुपये अधिक है। वर्ष 2024-25 में निर्धारित 34466.22 करोड़ में से 83.8 प्रतिशत यानी 28873.55 करोड़ का भुगतान 2 मई तक किया गया है। इसी तरह वर्ष 2016-17 में गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था, जो 2024-25 में बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसी अवधि में उत्पादकता भी 72.38 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 84.10 टन प्रति हेक्टेयर तक पहुंची है।
खबर में आगे कहा गया है की, राज्य में 45 जिलों में 122 चीनी मिलें, 236 खांडसारी इकाइयां, 8707 कोल्हू इकाइयां, 65 कोजेन इकाइयां और 44 डिस्टिलरी इकाइयां चल रही हैं। इन इकाइयों से प्रत्यक्ष रूप से 9.81 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। वर्ष 2023-24 में 102 डिस्टिलरियों से 150.39 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ है। निजी निवेश से 6771.87 करोड़ रुपये की लागत से अतिरिक्त 105.65 करोड़ लीटर उत्पादन क्षमता स्थापित की जा रही है।