करनाल : सहकारी चीनी मिल किसानों को समय पर भुगतान करने में कामयाब रही है, जिससे गन्ना किसानों में ख़ुशी का माहोल है। मिल के प्रबंध निदेशक राजीव प्रसाद ने कहा कि, पेराई सत्र 2024-25 में करनाल सहकारी चीनी मिल ने जो गन्ना खरीदा है, उसका कुल देय भुगतान 192 करोड़ रुपये है, इसमें से 190 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है।आपको बता दे की, ये भुगतान चीनी मिल ने बिना सरकार से लोन लिए किया है। जो अनुदान राशि गन्ना आयुक्त कार्यालय से जारी की जानी है के अलावा किसी भी किसान का मिल पर गन्ने का कोई बकाया नहीं है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, सहकारी चीनी मिल करनाल ने पेराई सत्र 2024-25 में 48.11 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की है, जो पिछले साल से 1.23 लाख क्विंटल कम है। पिछले साल कुल 49.34 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई थी। इस साल 9.47 प्रतिशत रिकवरी के साथ 4.55 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है।सहकारी चीनी मिल में स्थापित 18 मेगावाट को.-जन. प्लांट से मिल ने पेराई सत्र 2024-25 में बिजली का 35702600 किलोवाट प्रति घंटा उत्पादन किया और 22.67 करोड़ की बिजली हरियाणा पावर परचेज सेंटर को बेची है। ये मिल की अतिरिक्त आय है जोकि अपने आप में एक कीर्तिमान है।
राजीव प्रसाद ने कहा, गन्ना खरीद तो पिछले साल से कुछ ही कम है, जिसका मुख्य कारण मौसम में बदलाव रहा। शुरुआती दौर में पेड़ी (रैटून) की पैदावार कम रही है, इसके बाद जब प्लांट क्राप (नई बुवाई) का गन्ना आया तो पिछले साल से अधिक ही रहा है। सिर्फ करनाल चीनी मिल में ही नहीं, अन्य चीनी मिलों में गन्ने की पैदावार कम देखी जा रही है, लेकिन चीनी मिल ने इस बार पेराई, चीनी उत्पादन, भुगतान और बिजली उत्पादन में बेहतर कार्य किया है। किसानों को भी बेहतर सुविधाएं दी गई हैं।