मानसून होगा सटीकता से ट्रैक और कृषि को भी मिलेगा बढ़ावा: भारत ने लॉन्च किया ‘भारत पूर्वानुमान सिस्टम’

नई दिल्ली : पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने आज भारत पूर्वानुमान सिस्टम (BFS) लॉन्च किया, जो एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाला वैश्विक संख्यात्मक मॉडल है, जिसे पंचायत स्तर तक परिचालन मौसम पूर्वानुमान देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 6 किमी के उच्च रिज़ॉल्यूशन के साथ, यह सिस्टम दुनिया भर में सबसे उन्नत में से एक है और इससे अत्यधिक वर्षा की घटनाओं और अन्य स्थानीय मौसम संबंधी घटनाओं की भविष्यवाणी करने की देश की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।

मॉडल को राष्ट्र को समर्पित करते हुए, पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वदेशी रूप से विकसित इस सिस्टम को पांच महिला वैज्ञानिकों की एक टीम ने बनाया है, जो महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में भारत की प्रगति को दर्शाता है। डॉ. सिंह ने सटीक पूर्वानुमान के व्यापक आर्थिक प्रभाव पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भारत को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसने संभावित नुकसान को कम करके और समय पर मौसम की भविष्यवाणी के माध्यम से लाभ को बढ़ाकर हाल के वर्षों में अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

उन्होंने कहा, यह प्रणाली मानसून ट्रैकिंग, विमानन, चक्रवात और आपदा प्रबंधन, कृषि, जलमार्ग, रक्षा, बाढ़ पूर्वानुमान को बढ़ावा देगी और प्रमुख मंत्रालयों को भी सहायता प्रदान करेगी। इसकी खास बात यह है कि, यह भारत की पंचायत स्तर की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करती है और उन्हें पूरा करती है। पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) द्वारा विकसित BFS मौसम पूर्वानुमान के लिए एक नया वैश्विक मानक स्थापित करता है। इसका उच्च-रिज़ॉल्यूशन आउटपुट छोटे पैमाने के मौसम पैटर्न की अधिक सटीक पहचान करने में सक्षम होगा, जिससे IMD को पहले से कहीं अधिक सटीक और स्थानीय पूर्वानुमान देने में मदद मिलेगी।

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