बस्ती : सीएम योगी आदित्यनाथ ने 27 साल से बंद मुंडेरवा चीनी मिल को 2019 में शुरू कर इलाकें के हजारों किसानों के लिए विकास का रास्ता खुला किया। लेकिन अब इसी चीनी मिल में गन्ना विकास के नाम पर 12 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। घोटाला 2021 से 2023 के बीच किया गया, और इसमें मिल के अधिकारियों और कानपुर की निजी एजेंसी लीनिंग सिक्योरिटी सर्विस की मिलीभगत सामने आई है।
Etv भारत में प्रकाशित खबर के मुताबिक, 160 गांवों में किसानों के लिए गन्ना विकास का कार्य होना था, लेकिन अधिकारियों ने कंपनी के साथ मिलकर कागजों में 430 गांवों का विकास कर दिया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश सचिव और गन्ना सहकारी समिति के पूर्व चेयरमैन दीवान चंद्र पटेल ने इसकी शिकायत सचिव से की।कुछ किसानों ने भी सचिव को घोटाले के बारे में जानकारी दी।
सचिव स्तर से बैठाई गई विभागीय जांच में पता चला कि गन्ना विकास योजना के तहत 160 गांवों में उन्नत बीज वितरण, सिंचाई सुविधाएं, और कीट नियंत्रण जैसे कार्यों के लिए लीनिंग सिक्योरिटी सर्विस को 15 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था।कंपनी ने बिना किसी जमीनी काम या ऑर्डर के कागजों पर 430 गांवों में गन्ना विकास दिखाकर 12 करोड़ रुपए का भुगतान मुंडेरवा चीनी मिल के जीएम और सीए से मिलकर करा लिया। यह भुगतान तब किया गया जब गन्ना आयुक्त ने इसपर रोक लगाई थी। शेष 3.12 करोड़ रुपए के भुगतान पर रोक लगा दी गई।
खबर में आगे कहा गया है की, भाकियू नेता दीवान चंद्र पटेल ने बताया, मुंडेरवा चीनी मिल में गन्ना विकास के नाम पर ‘गोलमाल’ की खबरें आ रही थीं। किसानों के साथ मिलकर खुद जांच की तो पता चला कंपनी ने किसी गांव में कोई काम नहीं किया है। इसके बाद सचिव और सीएम से मामले में शिकायत की। विभागीय जांच शुरू हुई तो पूरा घोटाला खुलकर सामने आ गया। मिल के अधिकारियों ने कंपनी के साथ मिलकर घोटाला किया। मुंडेरवा शुगर मिल के जीएम महेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि किसानों के लिए चलाई गई डेवलपमेंट स्कीम अब बंद है और जो गबन हुआ है उसकी जांच हो रही है।तथ्यों के सामने आने पर एक्शन लिया जाएगा। दोषियों से पूरी वसूली की जाएगी।0