पुणे: उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा की, गन्ने का FRP मूल्य कई बार बढ़ा है जबकि, चीनी का MSP सिर्फ एक बार बढ़ा है। MSP बढ़ाने के लिए हमारे प्रयास जारी हैं। उपमुख्यमंत्री पवार ने बारामती में पत्रकारों को जानकारी दी कि, वे केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी मिलेंगे और MSP बढ़ाने के बारे में चर्चा करेंगे। पवार ने कहा कि, एफआरपी बढ़ने के साथ ही एमएसपी भी बढ़नी चाहिए, यानी मिलें एमएसपी के भीतर चीनी नहीं बेच पाएंगी। इसके लिए केंद्र के साथ जरूरी फॉलोअप चल रहा है।
एक तरफ कटाई और परिवहन की लागत अब 200 रुपए प्रति टन हो गई है। अन्य लागतें भी बढ़ गई हैं। गन्ना उत्पादकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। चीनी के रेट का 85 से 90 फीसदी हिस्सा बैंकों से कर्ज के रूप में मिलता है। इससे गन्ने का बिल चुकाना है। कटाई और परिवहन लागत चुकानी है। किसानों को एडवांस देना है। इसलिए एमएसपी में बढ़ोतरी जरूरी है, ऐसा भी पवार ने कहा। यह सीजन चीनी उद्योग के लिए प्रतिकूल रहा है। पेराई कम हुई है, चीनी उत्पादन कम हुआ है। उन्होंने कहा, गन्ना क्षेत्र वही रहेगा, लेकिन अब उत्पादन बढ़ाना होगा। इसके लिए एआई तकनीक अपनानी होगी। मालेगांव, सोमेश्वर, छत्रपति सहित राज्य के सहकारी और निजी मिलों ने इसमें पहल करने का फैसला किया है। इस संबंध में 9 जून को वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट में बैठक हो रही है। इस बैठक में मेरे साथ कृषि मंत्री, सहकारिता मंत्री, मिलों के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, बैंक अध्यक्ष और प्रबंधक मौजूद रहेंगे। यह साबित हो चुका है कि एआई तकनीक से गन्ने का उत्पादन बढ़ा है। इसलिए इस तकनीक को अपनानी होगा।












