गन्ने की खेती में हो रहा है ड्रोन का इस्तेमाल, किसानों के पैसा और समय की हो रही बचत

पीलीभीत : गन्ना किसानों के सामने वर्तमान में श्रमिकों की कमी एक सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है, लेकिन अब गन्ने की खेती में ड्रोन टेक्नोलॉजी इस्तेमाल से इस समस्या से किसानों को कुछ हदतक राहत मिली है। किसानों के अनुसार, पैसा और समय दोनों की बचत हो रही है। इतनाही ही नही किसान अब ट्रेंच विधि के साथ गन्ने के साथ सह फसली लेकर अपनी आय बढ़ा रहा है। गन्ना खेती में नई तकनीक के रूप में दवाओं के छिड़काव के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी अपनाई जा रही है। एक ड्रोन से पूरे खेत में आसानी से दवाओं का स्प्रे किया जा रहा है। जनपद भर में एलएच चीनी मिल पीलीभीत, दि किसान सहकारी चीनी मिल पूरनपुर, दि किसान सहकारी चीनी मिल बीसलपुर, बजाज हिंदुस्तान चीनी मिल बरखेड़ा संचालित हो रही है, जहां पर लाखों किसान संबद्ध है।

हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, गन्ने की खेती को फायदे की दिशा में मोड़ा जा रहा है। इसके लिए किसानों को नई सुविधाएं दी जा रही है। अब ड्रोन टेक्नोलॉजी से गन्ना खेती में क्रांति दिख रही है। कम समय में किसान अपने खेतों में कीट नियंत्रण, खाद का छिड़काव कर पा रहे हैं, जिसके लिए ज्यादा श्रमिकों की भी आवश्यकता नहीं होती है। आधुनिक तकनीक से गन्ना खेती आसान और लाभकारी बनी है। किसानों को ड्रोन टेक्नोलॉजी के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। सहकारी गन्ना विकास समिति के सचिव प्रदीप अग्निहोत्री ने बताया कि जनपद में इफको के पास तीन ड्रोन हैं, जो किसानों को किराए पर आसानी से उपलब्ध हैं। डीसीओ खुशीराम ने कहा कि, किसान गन्ने की खेती में ड्रोन का प्रयोग कर रहा है। हर काम सटीक और समयबद्ध ढंग से हो रहा है।

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