मुंबई (महाराष्ट्र) : किसानों, मजदूरों, मछुआरों, ग्राम पंचायत कर्मियों और दिव्यांगों (दिव्यांग) की लंबे समय से चली आ रही मांगों को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसके परिणामस्वरूप कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए गए। प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू के नेतृत्व में हुए आंदोलन के मद्देनजर यह प्रस्ताव पारित किया गया। इस बैठक के दौरान सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने घोषणा की कि, सितंबर तक किसानों को भुगतान करने में विफल रहने वाली चीनी मिलों को पेराई लाइसेंस से वंचित कर दिया जाएगा, जिससे गन्ना उत्पादकों को बड़ी राहत मिलेगी।
राज्य विधानमंडल में आयोजित बहु-विभागीय बैठक में कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, मत्स्य पालन और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे, विपणन मंत्री जयकुमार रावल, ग्रामीण विकास मंत्री जयकुमार गोरे, डेयरी विकास मंत्री अतुल सावे, सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल और रोजगार गारंटी मंत्री भरत गोगावाले सहित प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों ने वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ भाग लिया। बैठक की सबसे खास बात यह रही कि बावनकुले ने विभागों के बीच तेजी से समन्वय किया और समय पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों से सीधे संवाद किया।
किसानों को ठगने वाले गन्ना कटाई मजदूरों पर कार्रवाई होगी…
गन्ना कटाई मजदूरों द्वारा किसानों और ट्रांसपोर्टरों को ठगा जा रहा है।पिछले दो वर्षों में सतारा जिले में किसानों से लगभग 18 करोड़ रुपए की ठगी की गई है तथा राज्य के अन्य भागों में भी इस प्रकार की ठगी बड़े पैमाने पर की जा रही है।इस पर सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है, यह प्रश्न विधायक शशिकांत शिंदे ने विधान परिषद में उठाया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने बताया कि, इस वित्तीय लेन-देन को कानून के दायरे में लाने के लिए गठित समिति से प्राप्त रिपोर्ट तथा मसौदा विधेयक को सरकार द्वारा तदनुसार कानून पारित करने के उद्देश्य से विधि एवं न्याय विभाग को उसकी राय के लिए प्रस्तुत किया गया है। विधायक शशिकांत शिंदे ने विधान परिषद में कहा कि, पिछले दो वर्षों में सतारा जिले में गन्ना कटाई करने वालों द्वारा किसानों को लगभग 18 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। सतारा जिले में धोखाधड़ी की कुल 111 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, और सतारा जिले के साथ-साथ राज्य के अन्य हिस्सों में गन्ना कटाई करने वाले बड़े पैमाने पर किसानों और ट्रांसपोर्टरों को धोखा दे रहे है।