नए CAFE नियमों की घोषणा से पहले वाहन निर्माता कंपनियों ने फ्लेक्स फ्यूल वाहनों के विकास में तेजी लाई

कोलकाता : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की हालिया टिप्पणी के बाद कि नए कॉर्पोरेट औसत ईंधन दक्षता (CAFE) नियम इलेक्ट्रिक और फ्लेक्स फ्यूल इंजन, दोनों में संतुलन स्थापित करेंगे, मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL), टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स (TKM) सभी ने फ्लेक्स फ्यूल एक्सेलरेटर का सहारा लिया है। इसका मतलब है कि, अप्रैल 2027 में लागू होने वाला नया CAFE 3 ढांचा, पेट्रोल-एथेनॉल मिश्रण पर चलने वाले फ्लेक्स फ्यूल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों के समान ही नियामक लाभ प्रदान करेगा। फ्लेक्स फ्यूल से तात्पर्य 20% से 100% तक एथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल से है, जो पौधों में पाए जाने वाले शर्करा और स्टार्च के किण्वन से प्राप्त होता है।

गडकरी की हालिया टिप्पणी पिछले साल सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के प्रतिनिधियों के साथ हुई एक बैठक के बाद आई है। इस बैठक में उन्होंने वाहन निर्माताओं से इन फ्लेक्स फ्यूल वाहनों को जनता के लिए अधिक स्वीकार्य बनाने के तरीकों पर विचार करने को कहा था। उन्होंने ब्राज़ील द्वारा अपने परिवहन में फ्लेक्स फ्यूल और जैव ईंधन के सफल एकीकरण का हवाला दिया था। भारत मोबिलिटी शो 2025 के दौरान, वाहन निर्माताओं ने फ्लेक्स कारों – मारुति सुजुकी ब्रेजा, टोयोटा हाई क्रॉस, हुंडई क्रेटा, टाटा पंच और महिंद्रा XUV 3XO – का प्रदर्शन किया था, जो 85-100% तक एथेनॉल पर चल सकती हैं।

हालांकि, एथेनॉल पेट्रोल से सस्ता है, लेकिन इस ईंधन का एक नुकसान यह भी है: यह शुद्ध पेट्रोल की तुलना में 30% कम दक्षता या माइलेज देता है। टोयोटा मजबूत हाइब्रिड तकनीक का उपयोग करके फ्लेक्स फ्यूल वाहन का विद्युतीकरण करके इस नुकसान को दूर करने की योजना बना रही है। टीकेएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं निदेशक (तकनीकी एवं क्रय) सुदीप एस दळवी ने कहा, पेट्रोल इंजन वाली मज़बूत हाइब्रिड कारें आमतौर पर केवल पेट्रोल वाले वाहनों की तुलना में 40% से 50% अधिक ईंधन कुशल होती हैं। इसलिए E100 से होने वाली दक्षता में कमी की भरपाई कम कार्बन उत्सर्जन वाले मजबूत हाइब्रिड की बेहतर दक्षता से हो जाएगी।” दलवी को उम्मीद है कि फ्लेक्स फ्यूल वाहनों की शुरुआत सरकारी नीतियों और नियमों के अनुरूप होगी।मारुति सुजुकी ने अपनी 2030 उत्पाद योजना में कहा है कि, उसके 25% वाहन एथेनॉल-मिश्रित ईंधन E20 के अनुकूल होंगे, जबकि 25% हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (HEV) होंगे। वर्तमान में, इसके पोर्टफोलियो में दो HEV उत्पाद हैं: ग्रैंड विटारा और इनविक्टो, जो टोयोटा की मजबूत हाइब्रिड तकनीक का उपयोग करते हैं।

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