नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमुबेन बंभानिया ने लोकसभा को बताया कि महाराष्ट्र में 21 सहकारी चीनी मिलें निष्क्रिय हैं, जबकि 19 को लीज, साझेदारी या संयुक्त उद्यम के आधार पर पुनर्जीवित किया गया है। महाराष्ट्र में सहकारी चीनी मिलों की कठिनाइयों और पिछले तीन वर्षों में प्रदान की गई सरकारी सहायता से संबंधित एक अतारांकित प्रश्न के उत्तर में, उन्होंने कहा, महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, 21 सहकारी चीनी मिलें निष्क्रिय हैं और 19 सहकारी चीनी मिलों को लीज / साझेदारी / संयुक्त उद्यम के आधार पर पुनर्जीवित किया गया है।
उन्होंने लोकसभा को यह भी बताया कि, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने 33 सहकारी चीनी मिलों को वित्तीय सहायता प्रदान की है। यह वित्तीय सहायता, 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की है। 4,355.12 करोड़ रुपये की इस राशि से सोलापुर, पुणे, सतारा, जलगाँव, बीड, लातूर, अहिल्यानगर, कोल्हापुर और सांगली जैसे जिलों में स्थित मिलों को लाभ हुआ है।
एनसीडीसी वित्तीय सहायता का विवरण…
जिले का नाम कुल चीनी मिलों की संख्या कुल रु. करोड़ में
सोलापुर 5 821.47
धाराशिव 1 94.00
पुणे 2 225.00
सतारा 3 506.00
जलगाँव 1 34.74
बीड 2 177.76
लातूर 3 181.97
अहिल्यानगर 8 1,004.70
कोल्हापुर 6 1,095.98
सांगली 2 213.90
कुल 33 4,355.12
इसके अतिरिक्त, एमएससी बैंक ने सोलापुर, बीड, पुणे और नांदेड़ में स्थित 5 सहकारी चीनी मिलों को सरकारी गारंटी पर वित्तीय सहायता प्रदान की है।
विवरण इस प्रकार है:
जिले का नाम कुल मिलों की संख्या कुल रु. करोड़ में
सोलापुर 2 204.31
बीड 1 150.00
पुणे 1 128.00
नांदेड़ 1 147.69
कुल 5 630.10
मंत्री ने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में चार चीनी मिलें, जिनमें से तीन असम में और एक नागालैंड में हैं, वर्तमान में बंद हैं। इस क्षेत्र में कार्यरत चीनी मिलों की कमी मुख्य रूप से गन्ने की खेती के लिए प्रतिकूल जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण है। उन्होंने आगे बताया कि, चालू 2024-25 चीनी सत्र में, देश भर में कुल 534 चीनी मिलें चालू हैं, जिनमें से 199 सहकारी मिलें हैं।