चेन्नई (तमिलनाडु) : सीबीआई ने कांचीपुरम स्थित पद्मादेवी शुगर्स लिमिटेड के खिलाफ 120 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में मंगलवार को तमिलनाडु में छह स्थानों पर तलाशी ली। मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पद्मादेवी शुगर्स के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की। इस कंपनी ने अपनी सहयोगी संस्थाओं और अज्ञात लोक सेवकों के साथ मिलकर कथित तौर पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, संपत्ति के दुरुपयोग और जालसाजी के अपराध किए हैं।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, एफआईआर में इंडियन ओवरसीज बैंक से धोखाधड़ी से विभिन्न ऋण सुविधाएँ प्राप्त करना, संपत्ति का दुरुपयोग, बैंक निधियों को सहयोगी संस्थाओं और असंबंधित संस्थाओं में स्थानांतरित करना, संबंधित पक्षों को धन की हेराफेरी और निजी फर्मों को ब्याज मुक्त अग्रिम देना शामिल है। प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि, आरोपों में 2016 में नोटबंदी के दौरान संदिग्ध स्रोत से नकद जमा करना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि, कंपनी और उसकी सहयोगी संस्थाओं पर उधार ली गई राशि के अंतिम उपयोग को छिपाने के लिए फर्जी या बेनामी संस्थाओं को धन हस्तांतरित करने का भी संदेह है। तमिलनाडु में तेनकासी, चेन्नई और तिरुचि सहित छह स्थानों पर की गई तलाशी अभियान कंपनी के निदेशकों और अधिकारियों के आवासीय परिसरों के साथ-साथ अप्पू होटल्स लिमिटेड और ओटियम वुड इंडस्ट्रीज के परिसरों में भी चलाया गया, जिनका कथित तौर पर पद्मादेवी शुगर्स के साथ संदिग्ध लेनदेन था।
मंगलवार को जिन परिसरों की तलाशी ली गई, उनमें आरोपी कंपनी के निदेशकों और अधिकारियों से जुड़ी आवासीय संपत्तियां, साथ ही वे व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी शामिल थे जिन्होंने आरोपी कंपनी के साथ संदिग्ध लेनदेन किए थे। एजेंसी ने कहा कि तलाशी में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए, जिनमें धन के हेर-फेर से संबंधित रिकॉर्ड और जांच से संबंधित अन्य सामग्री शामिल है।