बेंगलुरु (कर्नाटक) : चीनी, कपड़ा और कृषि विपणन मंत्री शिवानंद पाटिल ने कहा कि, पिछली सरकार के मुख्यमंत्री द्वारा माई शुगर्स के विकास के लिए जारी 140 करोड़ रुपये के कथित दुरुपयोग की जांच चल रही है। विधान परिषद में मधु जी. मादेगौड़ा के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, पाटिल ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद माईशुगर्स के विकास के लिए कदम उठाए गए हैं।चीनी उत्पादन, जो पहले 3.5% था, अब 8% तक पहुँच गया है।
उन्होंने कहा कि, माईशुगर्स में को-जन इकाई कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद शुरू हुई थी। इस इकाई ने 12.21 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया। मिल ने 7.28 लाख यूनिट बिजली का उपयोग किया, जिसमें से 4.93 लाख यूनिट चेसकॉम को 5.91 रुपये प्रति यूनिट की दर से 29.14 लाख रुपये में आपूर्ति की गईं। यदि उत्पादित सारी बिजली चेसकॉम को दी जाए, तो इकाई 9.48 करोड़ रुपये कमा सकती है। बेंगलुरु स्थित माईशुगर्स के प्रशासनिक कार्यालय को 6.50 करोड़ रुपये का बकाया संपत्ति कर चुकाना था। उन्होंने बताया कि, एकमुश्त निपटान योजना के तहत 2.04 करोड़ रुपये चुकाए गए, जिससे 4.50 करोड़ रुपये की बचत हुई।
माईशुगर्स के पास 235.10 एकड़ जमीन है। मंत्री ने कहा कि अतिक्रमण की सीमा निर्धारित करने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसके बाद अतिक्रमण हटाया जाएगा। इससे पहले, पाटिल ने कलबुर्गी में मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन्स एंड अपैरल पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क परियोजना का ज़िक्र किया और कहा कि यह 10 वर्षों में पूरी हो जाएगी। जगदेव गुट्टेदार के एक प्रश्न के उत्तर में पाटिल ने कहा, इस परियोजना में सूत से लेकर रेडीमेड गारमेंट बनाने वाले उद्योग होंगे। इससे लगभग एक लाख रोजगार सृजित होंगे। कैबिनेट ने बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए 390 करोड़ रुपये जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।