जालंधर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फगवाड़ा स्थित गोल्डन संधार शुगर मिल, जिसे पहले वाहिद संधार शुगर्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, और संबंधित संस्थाओं व व्यक्तियों के खिलाफ ₹95 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पंजाब और चंडीगढ़ में आठ जगहों पर छापेमारी की। ईडी के अधिकारियों ने फगवाड़ा में मिल परिसर, खुर्रमपुर गाँव स्थित आवास और फगवाड़ा में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता जरनैल सिंह वाहिद के जिम की तलाशी ली।जरनैल सिंह पहले इंग्लैंड स्थित एनआरआई सुखबीर सिंह संधार के साथ मिल के सह-मालिक थे। संधार सतर्कता ब्यूरो (वीबी) में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से भारत नहीं आए हैं।
पंजाब मार्कफेड के पूर्व अध्यक्ष वाहिद, वाहिद-संधार चीनी मिल के प्रबंध निदेशक के रूप में जुड़े रहे। चीनी मिल वर्तमान में राणा शुगर मिल्स द्वारा संचालित है, जिसका स्वामित्व कपूरथला से कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह और उनके बेटे तथा सुल्तानपुर लोधी से विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह के पास है। यह मिल पिछले एक साल से भी ज़्यादा समय से चल रही है।संघीय एजेंसी ने सितंबर 2023 में जरनैल सिंह वाहिद, उनकी पत्नी रूपिंदर कौर और बेटे संदीप सिंह तथा नौ अन्य के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं के तहत दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि, पंजाब सरकार ने जगतजीत सिंह शुगर मिल्स को 1933 में 99 साल के लिए 31.2 एकड़ जमीन कुछ शर्तों के साथ लीज पर आवंटित की थी कि राज्य सरकार की मंजूरी के बिना इसे न तो हस्तांतरित किया जा सकेगा और न ही गिरवी रखा जा सकेगा। ईडी के एक अधिकारी ने बताया, वर्ष 2000 में, जगतजीत सिंह शुगर मिल्स की एक सहयोगी कंपनी, ओसवाल एग्रो मिल्स लिमिटेड ने वाहिद-संधार मिल्स के साथ एक समझौता किया और उसे लीज दे दिया। हालांकि, वाहिद संधार शुगर्स लिमिटेड ने जमीन अधिग्रहण करने के बाद शर्तों का उल्लंघन किया और जमीन के कुछ हिस्सों को गिरवी रखकर बेच दिया।
एक अधिकारी ने बताया, जांच के दौरान, यह सामने आया कि वाहिद शुगर मिल ने 31.3 एकड़ ज़मीन ₹93.94 करोड़ में गिरवी रखी थी। इसके अलावा, मिल प्रशासकों ने 2019 में 6 कनाल और 4 मरला सरकारी जमीन भी बेच दी।केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि, वाहिद संधार शुगर लिमिटेड ने ऐसी आपराधिक गतिविधियों से राज्य सरकार को नुकसान पहुँचाया और गलत तरीके से अपने लिए लाभ कमाया।इसमें आगे कहा गया, ऐसी आपराधिक गतिविधियों से उत्पन्न अपराध की आय की जांच की जा रही है। इस मामले में अनुमानित पीओसी ₹95 करोड़ है।
वीबी ने 2023 में वाहिद, उनकी पत्नी और बेटे को गिरफ्तार किया…
एफआईआर दर्ज होने के बाद, वीबी ने 30 सितंबर, 2023 को जरनैल वाहिद, उनकी पत्नी रूपिंदर कौर और बेटे संदीप सिंह को राज्य सरकार द्वारा पट्टे पर दी गई 31.2 एकड़ ज़मीन का कथित तौर पर दुरुपयोग और गिरवी रखने के आरोप में गिरफ्तार किया।
वीबी ने फगवाड़ा के तत्कालीन तहसीलदार और वर्तमान में नकोदर में तैनात परवीन छिब्बर, नायब तहसीलदार पवन कुमार, मिल निदेशक सुखबीर सिंह संधार, जरनैल सिंह वाहिद, संदीप सिंह वाहिद और हरविंदरजीत सिंह संधार, अतिरिक्त निदेशक अमन शर्मा, मंजीत सिंह ढिल्लों और कुलदीप सिंह संधार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया।वीबी ने राजस्व अधिकारियों पर मिल के अधिकारियों के साथ मिलकर मिल की संपत्ति और जमीन का वित्तीय लाभ उठाने के लिए गलत राजस्व सौदे तैयार करने का आरोप लगाया।
मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 166 (लोक सेवक द्वारा कानून की अवहेलना), 177 (जानबूझकर लोक सेवक को गलत जानकारी देना), 210 (छलपूर्वक बकाया राशि के लिए डिक्री प्राप्त करना), 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत दर्ज किया गया था।