शाहजहांपुर : गन्ना शोध परिषद में आयोजित सहकारिता सम्मेलन में गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि, पिछले आठ वर्षों में चीनी उद्योग में 6,924 करोड़ रुपये के निवेश से उद्योग को गति मिली है। गन्ना एवं चीनी उत्पादन के साथ-साथ एथनॉल एवं शीरा के उत्पादन में प्रदेश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग प्रदेश के लगभग 46.46 लाख किसानों व उनके 2.30 करोड़ परिजनों को आजीविका देता है। उन्होंने कहा कि, 10 लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराकर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं आजीविका संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
अमर उजाला में प्रकाशित मंत्री ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में 2,89,445 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का रिकॉर्ड भुगतान किया जा चुका है, जो विगत 22 वर्षों में हुए 2,13,520 करोड़ भुगतान से भी 75,925 करोड़ रुपये अधिक है। वर्ष 2017 से पूर्व जहां कुल एथेनॉल का उत्पादन 42 करोड़ लीटर प्रतिवर्ष तक सीमित था। वर्तमान में 180 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन कर ऑयल कंपनियों को आपूर्ति किया जा रहा है। पिछले आठ वर्षों में चीनी उद्योग में 6,924 करोड़ रुपये के निवेश से उद्योग को गति मिली है। प्रदेश की कुल जीडीपी में गन्ने का योगदान 4.19 प्रतिशत व गन्ना एवं चीनी का सम्मिलित योगदान 8.45 प्रतिशत है।
इस दौरान गन्ना राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार, गन्ना आयुक्त एवं निबंधक मिनस्ती एस., सांसद अरुण कुमार सामग, उपाध्यक्ष इफको बलवीर सिंह, डीसीबी चेयरमैन डीपीएस राठौर, निदेशक शोध संस्थान वीके शुक्ल, अपर गन्ना आयुक्त डाॅ. वीबी. सिंह, अपर गन्ना आयुक्त विश्वेश कनौजिया, प्रबंध निदेशक सहकारी गन्ना समिति संघ सत्येंद्र सिंह, गन्ना समितियों के अध्यक्ष व चीनी मिल समितियों के अध्यक्ष मौजूद रहे।