महाराष्ट्र में चीनी मिलें उसी वर्ष के गन्ने की रिकवरी के आधार पर एफआरपी का भुगतान करेंगी: ‘एफआरपी’ समिति की बैठक में चर्चा

मुंबई : चीनी उद्योग की कठिनाइयों को देखते हुए, उसी वर्ष के चीनी रिकवरी के आधार पर एफआरपी राशि देने का निर्णय बुधवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हुई एफआरपी समिति की बैठक में लिया गया। यदि यह निर्णय लागू होता है, तो किसी भी चीनी मिल के लिए गन्ना खरीद के 14 दिनों के भीतर किसानों को पूरा एफआरपी भुगतान करना संभव नहीं होगा। क्योंकि एफआरपी का निर्धारण सीजन समाप्त होने के बाद औसत चीनी रिकवरी के आधार पर किया जाएगा। यदि ऐसा होता है, तो ‘एकमुश्त एफआरपी’ को लेकर पेराई सीजन का आगाज होते ही चीनी मिलें और किसान संगठनों के बीच टकराव की संभावना है।

‘एफआरपी’ समिति की बैठक में, चीनी आयुक्त कार्यालय ने इस संबंध में उच्च न्यायालय में दायर याचिका की जानकारी दी। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि पिछले वर्ष के चीनी रिकवरी के अनुसार एफआरपी का भुगतान किया जाए। हालांकि, चूँकि न्यायालय ने इस संबंध में सरकार को आदेश नहीं दिया है, इसलिए उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन नहीं होगा। पूर्व मंत्री दिलीप वळसे-पाटील ने कहा कि सहकारी चीनी उद्योग इस समय संकट में है और अगर राज्य सरकार गन्ना भुगतान को लेकर कड़ा रुख अपनाती है, तो इससे सहकारी चीनी मिलों के सामने कठिनाइयाँ पैदा हो जाएगी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (सहकारिता एवं विपणन) राजगोपाल देवड़ा ने कहा कि, एफआरपी के अनुसार दरें तय करते समय पिछले सीज़न के रिकवरी को ध्यान में रखा जाता है। इसलिए, पिछले सीज़न की चीनी रिकवरी के अनुसार चालू सीजन के लिए एफआरपी का भुगतान करना उचित होगा। ‘विस्मा’ और चीनी संघ के प्रतिनिधियों ने देवड़ा की राय से असहमति जताते हुए कहा कि, एफआरपी कानून में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि पिछले सीज़न की चीनी उपज के रिकवरी के अनुसार एफआरपी दिया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि, जब केंद्र सरकार एफआरपी निर्धारित करती है और संबंधित सीज़न के लिए एक परिपत्र जारी करती है, तब भी इसका कोई उल्लेख नहीं होता है।

चीनी उद्योग की कठिनाइयों को देखते हुए, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सुझाव दिया कि उसी वर्ष की चीनी रिकवरी के आधार पर एफआरपी राशि का भुगतान करने के लिए एक अध्यादेश पर विचार किया जाना चाहिए। दिलीप वलसे -पाटिल ने कहा कि, अध्यादेश के बजाय शासन स्तर से इसकी जानकारी दी जानी चाहिए।

कौन कौन है समिति में…

उपमुख्यमंत्री अजित पवार, सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटील, सार्वजनिक निर्माण मंत्री शिवेंद्रसिंह राजे भोसले, विधायक दिलीप वलसे-पाटिल, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजगोपाल देवड़ा, चीनी आयुक्त सिद्धराम सालिमठ, विधायक प्रकाश सोलंके, जयप्रकाश दांडेगावकर, बी.बी. ठोंबरे, संजय खताळ, अजीत चौगुले।

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