नई दिल्ली : भारत चीनी एवं जैव-ऊर्जा सम्मेलन में बोलते हुए, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के संयुक्त सचिव (चीनी) अश्विनी श्रीवास्तव ने कहा कि 2025-26 के नए सीजन में चीनी निर्यात की संभावनाएं होंगी क्योंकि पर्याप्त चीनी भंडार होगा, हालांकि, मात्रा पर चर्चा की जाएगी। उन्हे अधिशेष चीनी भंडार 5 मिलियन मीट्रिक टन और चीनी उत्पादन 35 मिलियन मीट्रिक टन रहने का अनुमान है। साथ ही नए सीजन में लगभग 28 मिलियन मीट्रिक टन चीनी की खपत होने की उम्मीद है।चालू सीजन में, सरकार ने 1 मिलियन मीट्रिक टन चीनी निर्यात की अनुमति दी थी, हालांकि सीज़न समाप्त होने से पहले अगले 2 हफ़्तों में लगभग 0.8 मिलियन मीट्रिक टन निर्यात होगा।
गन्ना मूल्य बकाया के बारे में बोलते हुए, संयुक्त सचिव ने कहा कि किसान सरकार के केंद्र में हैं। उद्योग किसानों को समय पर गन्ना खरीद का भुगतान करने में सक्षम रहा है। चालू सत्र में, उद्योग ने लगभग 98,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। 2023-24 सत्र में, किसानों को कुल 111,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।नए सत्र में चीनी उद्योग के संबंध में सरकार की नीतिगत प्राथमिकताएँ चीनी सत्र के अंत में पर्याप्त स्टॉक का प्रबंधन, अतिरिक्त चीनी का उपयोग एथेनॉल उत्पादन में करना और देश में उपलब्ध शेष अतिरिक्त चीनी के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना रहेंगी।
एथेनॉल उत्पादन के बारे में, उन्होंने कहा कि नए सत्र में देश भर में 20% की एक समान मिश्रण क्षमता प्राप्त करने के लिए 12 अरब लीटर एथेनॉल की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा, गन्ना आधारित फीडस्टॉक्स से लगभग 4.5 से 4.8 अरब लीटर एथेनॉल का उत्पादन होने की संभावना है। भारत सरकार ने हाल ही में चीनी मिलों और डिस्टिलरियों को एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2025-26 के दौरान बिना किसी प्रतिबंध के गन्ने के रस, चीनी सिरप, बी-हैवी मोलासेस (बीएचएम) और सी-हैवी मोलासेस (सीएचएम) से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी है। श्रीवास्तव ने दोहराया कि, गन्ने की किस्मों में सुधार महत्वपूर्ण है और सरकार इस दिशा में काम कर रही है।