पंजाब सरकार ने धान खरीद से पहले बाढ़ प्रभावित मंडियों को पुनर्जीवित करने के लिए पांच दिवसीय अभियान शुरू किया

चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने हाल ही में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त अनाज मंडियों को बहाल करने के लिए पांच दिवसीय गहन अभियान शुरू किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आगामी धान खरीद सत्र के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। रविवार को शुरू हुआ यह अभियान बाढ़ प्रभावित जिलों पर केंद्रित है जहाँ मंडियाँ जलमग्न और गाद से जाम हो गई थीं। राज्य सरकार ने अधिकारियों को 16 सितंबर को धान खरीद शुरू होने से पहले 19 सितंबर तक बहाली का काम पूरा करने का निर्देश दिया है।

पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने कहा कि, इस अभियान का उद्देश्य किसानों को निर्बाध बिक्री अनुभव प्रदान करना है। खुदियां ने कहा, भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह गहन अभियान यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयास का हिस्सा है कि किसी भी किसान को अपनी फसल मंडियों तक लाने में असुविधा न हो। उन्होंने आगे ज़ोर देकर कहा कि, पंजाब मंडी बोर्ड के अधिकारियों और सभी जिला मंडी अधिकारियों (डीएमओ) को मंडियों की सफाई और संचालन की तैयारी की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्री ने आगे कहा, हमारी राज्य मशीनरी बाढ़ से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। हम अपने किसानों की आजीविका की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। खुदियां के अनुसार,कई मंडियों में बुनियादी ढांचे की मरम्मत, रुके हुए पानी को निकालने और जमा गाद को हटाने सहित प्रारंभिक व्यवस्थाएँ पहले ही पूरी कर ली गई हैं।राज्य सरकार ने किसानों को समय पर खरीद और उनकी उपज का तुरंत भुगतान करने का भी आश्वासन दिया है।

पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण समय, धान खरीद सीज़न 16 सितंबर से शुरू हो रहा है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि, बाढ़ से हुई रुकावटों के बावजूद, राज्य भर की सभी मंडियाँ सुचारू रूप से काम करने के लिए तैयार रहेंगी। इस बीच, पंजाब सरकार ने हाल ही में आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए शनिवार को राज्य भर में विशेष ‘गिरदावरी’ शुरू कर दी। राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रक्रिया पारदर्शी, समयबद्ध और परिणामोन्मुखी तरीके से पूरी की जाए ताकि कोई भी प्रभावित परिवार उचित मुआवजे से वंचित न रह जाए।

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