नई दिल्ली : भारत एथेनॉल क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति देख रहा है, जो उत्पादन, मिश्रण स्तर और समग्र क्षमता में साल-दर-साल लगातार वृद्धि से चिह्नित है। यह गति न केवल देश के ऊर्जा परिदृश्य को बदल रही है, बल्कि आर्थिक विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वर्तमान एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2024-25 के दौरान, अगस्त 2025 में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण 19.8% तक पहुँच गया। पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (PPAC) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2024 से अगस्त 2025 तक संचयी औसत मिश्रण दर 19.1% रही।
अकेले अगस्त 2025 में, तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को ईबीपी कार्यक्रम के तहत 97.8 करोड़ लीटर एथेनॉल प्राप्त हुआ। इससे नवंबर-अगस्त की अवधि में तेल विपणन कंपनियों द्वारा कुल एथेनॉल उठाव 820.5 करोड़ लीटर हो गया। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि, अगस्त 2025 में पेट्रोल में कुल 88.5 करोड़ लीटर एथेनॉल मिलाया गया, जिससे नवंबर 2024 से अगस्त 2025 तक कुल एथेनॉल मिश्रण मात्रा 837.5 करोड़ लीटर हो गई।
सूत्रों के अनुसार, ESY 2024-25 में अब तक अनाज से एथेनॉल की आपूर्ति 526.01 करोड़ लीटर है, जबकि चीनी आधारित फीडस्टॉक्स से आपूर्ति 294.51 करोड़ लीटर है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने हाल ही में घोषणा की कि, भारत ने 2025 तक पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है, जो अपने लक्ष्य से पाँच साल पहले है।
इस उल्लेखनीय वृद्धि ने आयातित कच्चे तेल पर देश की निर्भरता को कम करने में मदद की है, जिससे विदेशी मुद्रा में उल्लेखनीय बचत हुई है। एथेनॉल उत्पादकों को राहत देते हुए, भारत सरकार ने चीनी मिलों और डिस्टिलरियों को इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2025-26 के दौरान बिना किसी प्रतिबंध के गन्ने के रस, चीनी सिरप, बी-हैवी मोलासेस (बीएचएम) और सी-हैवी मोलासेस (सीएचएम) से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दे दी है।