कुआलालंपुर : गैलेन सेंटर फॉर हेल्थ एंड सोशल पॉलिसी ने 2026 के बजट पेश होने से पहले, स्वास्थ्य और वृद्धावस्था देखभाल, दोनों के लिए धन उपलब्ध कराने हेतु एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य और सामाजिक बीमा योजना बनाने का आह्वान दोहराया है। गैलेन के सीईओ अजरुल खलीब ने कहा कि, सामाजिक सुरक्षा संगठन के योगदान (1.75% नियोक्ता, 0.5% कर्मचारी) के समान योजना दरों को अपनाने से सालाना कम से कम RM6 बिलियन जुटाए जा सकेंगे।यह उपचार और देखभाल के विकल्पों को बेहतर बनाने, मानव संसाधन विकल्पों का विस्तार करने और संकट के समय में एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा, एकत्रित धन का एक हिस्सा यह सुनिश्चित कर सकता है कि वृद्धों की देखभाल के लिए उचित धन उपलब्ध हो और उसे निरंतर बनाए रखा जा सके। अज़्रुल ने सभी चीनी सब्सिडी को पूरी तरह से समाप्त करने और मूल्य नियंत्रण एवं मुनाफाखोरी विरोधी अधिनियम, 2011 के तहत नियंत्रित वस्तुओं की सूची से चीनी को हटाने का भी आह्वान किया।उन्होंने आगे कहा कि, चीनी सब्सिडी को 10 साल से भी पहले समाप्त कर दिया जाना था, और इससे चीनी-मीठे पेय पदार्थों (SSB) पर लगने वाले कर से होने वाला राजस्व भी खत्म हो जाता है।
उन्होंने कहा, 500 मिलियन RM की वार्षिक चीनी सब्सिडी, SSB करों में वृद्धि से होने वाले किसी भी मौजूदा और संभावित राजस्व को खत्म कर देती है, जो लगभग 300 मिलियन RM है। ये स्वास्थ्य मंत्रालय के ‘चीनी के विरुद्ध युद्ध’ को भी कमजोर करते हैं। सस्ती चीनी का सीधा नतीजा इस देश में मधुमेह का लगातार और अनियंत्रित प्रसार है, जिससे क्रोनिक किडनी रोग और हृदय रोग जैसी अन्य गैर-संचारी बीमारियाँ होती हैं, जिससे अकाल मृत्यु होती है।इससे हर साल अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है और हजारों लोगों की जान जा रही है।
अजरुल ने स्वास्थ्य मंत्रालय की सुविधाओं में बाह्य रोगी और विशेषज्ञ देखभाल के लिए क्रमशः RM1 और RM5 शुल्क हटाने का भी आह्वान किया और कहा कि लोगों को देखभाल के स्थान पर भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।ये शुल्क इस भ्रम को भी जीवित रखते हैं कि मलेशिया में सरकारी सुविधाओं में स्वास्थ्य सेवा की लागत सस्ती है, और जनता को गुमराह करते है।