लाहौर (पाकिस्तान) : चीनी मिल मालिकों ने दावा किया है कि, मिलों में चीनी का स्टॉक मौजूद होने और आयातित चीनी के बाजार में आने के कारण पेराई सत्र जल्दी शुरू करना उद्योग के लिए संभव नहीं होगा। पंजाब के गन्ना आयुक्त के साथ एक बैठक में मिल मालिकों ने यह भी दावा किया कि, उन्होंने सरकार को पहले ही सूचित कर दिया है कि देश में 15 नवंबर, 2025 तक चीनी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, लेकिन इस आश्वासन के बावजूद, सरकार ने 0.35 मिलियन मीट्रिक टन चीनी के आयात के लिए निविदाएँ स्वीकार कर ली, जिसके लिए शुल्क और कर माफ कर दिए गए हैं।
पंजाब के गन्ना आयुक्त अमजद हफीज को पाकिस्तान चीनी मिल संघ के महासचिव के साथ एक बैठक में मिल मालिकों की इस आपत्ति से अवगत कराया गया। पीएसएमए ने गन्ना आयुक्त को बताया कि, चीनी उद्योग ने व्यापक राष्ट्रीय हित में हमेशा सरकार के साथ सहयोग किया है, हालांकि, चीनी की अंतर-प्रांतीय और अंतर-जिला आवाजाही पर प्रतिबंध और एफबीआर पोर्टल बंद होने के कारण बाजार में चीनी की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई है।
महासचिव ने कहा कि, अन्य फसलों की तरह, बाढ़ और मूसलाधार बारिश ने गन्ने की फसल को भी बुरी तरह प्रभावित किया है और गन्ने की फसल को पूरी तरह पकने में समय लगेगा। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि, यदि चीनी की मुक्त आवाजाही पर इसी तरह के प्रतिबंध जारी रहे, तो इसका असर न केवल उद्योग पर, बल्कि चीनी उत्पादकों पर भी पड़ेगा। महासचिव ने सरकार से इस गंभीर स्थिति का जायजा लेने और चीनी उद्योग के साथ मिलकर देश को इस संकट से उबारने की मांग की।