महाराष्ट्र में 2025-26 सीजन में 85 से 96 लाख टन चीनी उत्पादन होने की उम्मीद: कृषि विभाग और मिटकॉन का प्रारंभिक अनुमान

पुणे: महाराष्ट्र में पेराई सत्र 1 नवंबर 2025 से शुरू करने का फैसला मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। इस वर्ष 2025-26 सत्र में लगभग 20 लाख मीट्रिक टन चीनी एथेनॉल उत्पादन में जाएगी, और वास्तविक चीनी उत्पादन 85 से 96 लाख टन होने का अनुमान कृषि विभाग और मिटकॉन ने संयुक्त रूप से लगाया है। दैनिक ‘पुढारी’ ने यह खबर दी है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंगलवार (30) को मंत्रालय में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इसमें प्रभारी चीनी आयुक्त दीपक तावरे ने चीनी उद्योग का प्रस्तुतीकरण दिया। इसमें इस वर्ष कुल गन्ने की उपलब्धता, गन्ने की पेराई, चीनी उत्पादन और औसत चीनी रिकवरी की जानकारी दी गई।

राज्य में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने कृषि और बागवानों को भारी नुकसान पहुँचाया है, और भूमि कटाव के कारण किसान संकट में हैं। गन्ना पेराई सत्र शुरू होने में अभी एक महीना बाकी है। चूँकि गन्ना पेराई वास्तव में दिवाली के बाद ही शुरू होगी, इसलिए गन्ना कटाई मजदूरों की उपस्थिति भी सत्र की शुरुआत से रहने की उम्मीद है। 2024-25 सत्र में, औसत गन्ना पेराई अवधि 85 दिन थी। चूँकि इस 2025-26 सत्र में उपलब्ध गन्ना की स्थिति तुलनात्मक रूप से अच्छी है, इसलिए यह उम्मीद है कि यह सत्र औसतन 100 से 110 दिनों तक चलेगा।

चीनी आयुक्त दीपक तावरे ने कहा कि, पिछले वर्ष राज्य में 200 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई की थी।इस वर्ष, अबतक, 104 सहकारी और 107 निजी सहित कुल 211 चीनी मिलों ने क्षेत्रीय चीनी संयुक्त निदेशक कार्यालय स्तर पर गन्ना पेराई लाइसेंस के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। यानी पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक मिलें शुरू होने की उम्मीद है।पेराई सत्र की नीति के अनुसार उचित राशि का भुगतान करने और जांच के बाद सही प्रस्ताव वाली चीनी मिलों को पेराई लाइसेंस वितरित किए जाएँगे।

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