कोल्हापुर (महाराष्ट्र): हलकर्णी (ता. चांदगढ़) स्थित दौलत शेतकरी सहकारी चीनी मिल की ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री प्रक्रिया रद्द कर दी गई है। दिल्ली स्थित बकाया वसूली प्राधिकरण (डीआरटी) ने सोमवार को यह आदेश दिया। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का बकाया वसूलने के लिए, ‘दौलत’ मिल को अथर्व इंटरट्रेड प्राइवेट लिमिटेड को 39 वर्षों की अवधि के लिए ‘लाइव एंड लाइसेंस’ लीज पर इस शर्त पर दिया गया था कि जिला बैंक सहित अन्य सभी वैधानिक बकाया अथर्व इंटरट्रेड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा चुकाए जाएँगे। इस संबंध में बैंक, कंपनी और ‘दौलत’ मिल प्रबंधन के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
राष्ट्रीय सहकारी विकास प्राधिकरण (एनसीडीसी) ने चीनी विकास निधि (एसडीएफ) के 18.8 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाया और उस पर ब्याज की वसूली के लिए ई-नीलामी के माध्यम से कारखाने को बेचने के लिए 23 अगस्त को एक निविदा जारी की थी। तदनुसार, गुरुवार (9) को नीलामी आयोजित की गई। ‘अथर्व’ कंपनी ने नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए दिल्ली स्थित बकाया वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) न्यायालय में अपील की थी।
इस अपील में बैंक की ओर से वरिष्ठ विधि विशेषज्ञ एडवोकेट प्रीति भट्ट ने दलीलें पेश कीं। डीआरटी न्यायालय ने अवलोकन के बाद कहा कि ‘दौलत’ कारखाने के संचालन के लिए केडीसीसी बैंक द्वारा किया गया लीज समझौता सही था। इसने यह भी पाया कि प्रतिभूतिकरण अधिनियम-2002 के तहत बैंक द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया सही थी। बैंक ने पत्र में यह भी कहा कि यद्यपि एनसीडीसी को कारखाने के लीज समझौते की जानकारी थी, न्यायालय छह वर्ष बाद इस मामले को नहीं उठा सकता, और वसूली अधिकारियों को इस समझौते को रद्द करने का अधिकार नहीं है, लेकिन न्यायालय ने यह भी कहा है कि दीवानी न्यायालय को यह अधिकार है।
ज़िला बैंक की आम बैठक में भी हुई थी चर्चा…
एक महीने पहले हुई जिला बैंक की आम बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। इस अवसर पर बैंक की ओर से अध्यक्ष एवं मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा था कि समझौते के अनुसार एनसीडीसी के सभी ऋणों का भुगतान करने की ज़िम्मेदारी अथर्व इंटरट्रेड कंपनी की है। अगर यह कंपनी यह ऋण नहीं चुकाती है, तो केडीसीसी बैंक स्वयं यह राशि चुकाएगा और दौलत शुगर फैक्ट्री आजीवन किसान सदस्यों के स्वामित्व में रहेगी।
दौलत कारखाना किसानों का रहेगा: मानसिंग खोराटे
अथर्व इंटरट्रेड कंपनी के अध्यक्ष मानसिंह खोराटे ने ‘चीनी मंडी’ को बताया कि दौलत मिल हमेशा किसानों की रहेगी। हमने हमेशा दौलत चीनी मिल और क्षेत्र के हजारों किसानों के विकास को प्राथमिकता दी है। हमारी यह प्रतिबद्धता भविष्य में भी जारी रहेगी। दौलत मिल 39 वर्षों तक मेरे पास रहेगी और तब तक मैं दौलत को नीलाम या बिकने नहीं दूँगा। दौलत मिल हमेशा किसानों के पास रहेगी और 39 साल बाद मैं इस मिल को बढ़ी हुई क्षमता के साथ बहुत अच्छी स्थिति में किसानों को सौंप दूंगा।