जकार्ता : खाद्य समन्वय मंत्री जुल्किफली हसन ने कहा कि, गैसोलीन में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने का सरकारी आदेश, जो 2026 में लागू होगा, किसानों को लाभान्वित करेगा। हसन ने कहा कि, 10 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण की अनिवार्यता से कसावा (एथेनॉल उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले मुख्य कच्चे माल में से एक) की कीमत बढ़कर 2,000 रुपये (लगभग 0.12 अमेरिकी डॉलर) प्रति किलोग्राम हो जाएगी।
वर्तमान में, कसावा का सरकार द्वारा निर्धारित विक्रय मूल्य 1,350 रुपये प्रति किलोग्राम है। नई नीति के साथ, कसावा का मूल्य बढ़ेगा, जिससे किसानों के कल्याण में सुधार होने की उम्मीद है। कसावा के अलावा, गन्ने की कीमत में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। हसन ने कहा, यह कार्यक्रम लोगों की अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण रूप से गति देगा क्योंकि इसमें इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल कसावा, गन्ना और मक्का हैं।
इससे पहले, ऊर्जा एवं खनिज संसाधन मंत्री बहलिल लाहदालिया ने कहा कि, राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने कार्बन उत्सर्जन और ईंधन आयात पर निर्भरता कम करने के प्रयासों के तहत गैसोलीन में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण अनिवार्य करने की योजना को मंजूरी दे दी है। लहदालिया ने मंगलवार (7 अक्टूबर) को जकार्ता में कहा, हमने कल रात राष्ट्रपति महोदय के साथ बैठक की और उन्होंने 10 प्रतिशत अनिवार्य एथेनॉल (E10) की हमारी योजना को मंजूरी दे दी है।
मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि, ईंधन आयात पर निर्भरता कम करने के अलावा, E10 नीति का उद्देश्य स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल गैसोलीन के उपयोग को बढ़ावा देना भी है। इस बीच, प्रतिनिधि सभा (DPR RI) के आयोग XII की सदस्य रत्ना जुविता सारी ने सरकार को याद दिलाया कि E10 नीति भविष्य में बड़े पैमाने पर एथेनॉल आयात का औचित्य नहीं बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि नीति के क्रियान्वयन से पहले घरेलू एथेनॉल उत्पादन क्षमता राष्ट्रीय मांग को पूरा कर सके।