चंडीगढ़ : कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि, गन्ना उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने और किसानों में गन्ना बुवाई के लिए नई तकनीकों के इस्तेमाल के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि, वे यह सुनिश्चित करें कि सहकारी चीनी मिलें आधुनिक मशीनों से सुसज्जित हों ताकि उत्पादन में वृद्धि हो और घाटा कम हो। मंत्री राणा ने शनिवार को आयोजित गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये निर्देश दिए। सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
मंत्री राणा ने कहा कि, उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के लिए केंद्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा जारी गन्ना बीज किस्मों को राज्य सरकार द्वारा मान्यता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि, इन किस्मों के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से अलग से अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि, किसानों को नई गन्ना बीज किस्मों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए ताकि उत्पादकता बढ़े और किसान अधिक लाभ कमा सकें। इससे मौजूदा किस्मों की तुलना में गन्ना और चीनी का उत्पादन अधिक होगा।
मंत्री ने आगे बताया कि, 2024-25 के पेराई सत्र के दौरान, राज्य की विभिन्न सहकारी चीनी मिलों ने पेराई के लिए 1,278.50 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है और किसानों को पूरा भुगतान कर दिया गया है। इसके अलावा, निजी क्षेत्र की नारायणगढ़ चीनी मिल पर पिछले पेराई सत्र का बकाया अभी भी बकाया है, जिसका भुगतान दिसंबर 2025 तक कर दिया जाएगा, मंत्री ने कहा। राणा ने आगे कहा कि गन्ना किसानों को अपने खर्च कम करने और मुनाफा बढ़ाने के लिए बुवाई और कटाई के लिए आधुनिक मशीनरी अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल, कृषि निदेशक राजनारायण कौशिक, हरियाणा सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शक्ति सिंह और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।