महाराष्ट्र – वेतन वृद्धि, बीमा योजना शुरू करने को लेकर गन्ना कटाई मजदूर करेंगे हड़ताल : गन्ना कटाई परिवहन मजदूर संघ की चेतावनी

अहिल्यानगर : गन्ना कटाई मजदूरों को वेतन वृद्धि संबंधी समझौते के अनुसार एक सीजन का 34 प्रतिशत वेतन वृद्धि का भुगतान नहीं किया गया है। चीनी मिलों पर कटाई और परिवहन का 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।महाराष्ट्र राज्य गन्ना कटाई परिवहन मजदूर संघ ने गन्ना कटाई मजदूरों को वेतन वृद्धि का भुगतान करने और तीन वर्षों से बंद पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल गन्ना कटाई मजदूर बीमा योजना को शुरू करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष गहिनीनाथ थोरे-पाटिल ने इस संबंध में राज्य सरकार और चीनी संघ को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि, यदि मांगें नहीं मानी गईं तो गन्ना कटाई मजदूर हड़ताल पर चले जाएँगे।

अग्रोवन में प्रकाशित खबर के अनुसार, राज्य में चीनी मिलों का पेराई सत्र दशहरा और दिवाली के बाद शुरू होता है। हर साल 10 से 12 लाख मजदूर गन्ना कटाई के लिए बीड, अहिल्यानगर, सोलापुर, धाराशिव, जालना, छत्रपति संभाजीनगर, धुले, जलगांव से पलायन करते हैं। हर तीन साल में मजदूरी को लेकर समझौता होता हैं।4 जनवरी, 2024 को चीनी संघ के अध्यक्ष वरिष्ठ नेता शरद पवार और गन्ना कटाई मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच समझौता हुआ और 34 प्रतिशत मूल्य वृद्धि की गई। कहा गया कि यह मूल्य वृद्धि 1 नवंबर, 2023 से लागू होगी। हालांकि, चीनी मिलों ने अगले साल (2024) के सीजन से वृद्धि कर दी।

वास्तव में, 1 नवंबर, 2023 से अंतर का भुगतान करना आवश्यक था, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। एक सीजन में 10 करोड़ टन से अधिक गन्ने की पेराई होती है। इस अंतर का भुगतान किया जाना आवश्यक है, लेकिन इसकी अनदेखी की जा रही है। गन्ना कटाई करने वालों का बकाया तुरंत भुगतान किया जाए, अन्यथा गन्ना कटाई करने वाले हड़ताल पर चले जाएँगे। यह चेतावनी संघ के अध्यक्ष गहिनीनाथ थोरे-पाटिल और संघ के पदाधिकारियों ने वरिष्ठ नेता शरद पवार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल, चीनी आयुक्त और चीनी संघ के अध्यक्ष को दिए एक ज्ञापन में दी।

गन्ना कटाई मजदूर बीमा योजना से वंचित…

राज्य सरकार ने 2003 से गन्ना कटाई करने वालों के लिए पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल गन्ना कटाई बीमा योजना शुरू की थी। मजदूर की मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में 3 लाख रुपये, एक अंग के खराब होने पर 1.5 लाख रुपये, टायर गाड़ी के बैल की मृत्यु पर 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाता है। 22 वर्षों से चल रही इस बीमा योजना से गन्ना कटाई करने वालों को 14 करोड़ रुपये मिले हैं। इस बीमा के लिए 10 रुपये प्रति टन के हिसाब से अनुमानित 178 करोड़ रुपये की कटौती की गई है, जबकि यह बीमा योजना तीन वर्षों से बंद है।

महाराष्ट्र राज्य गन्ना कटाई परिवहन मुकादम श्रमिक संघ के अध्यक्ष गहिनीनाथ थोरे-पाटिल ने कहा, हमने सरकार और चीनी संघ को समझौते के अनुसार गन्ना कटाई करने वालों के वेतन में अंतर और पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल गन्ना कटाई बीमा योजना को तत्काल शुरू करने के संबंध में पत्र लिखा है। हमारा कहना है कि गरीब मजदूरों के अटके हुए पैसे दिए जाए और बीमा योजना शुरू की जाए। अगर अनदेखी की गई तो हम हड़ताल पर चले जाएँगे।

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