बेलगावी : सांसद जगदीश शेट्टर ने सोमवार को मुदालगी तालुका के गुरलापुर चौराहे पर लगातार पांचवें दिन गन्ने के न्यूनतम मूल्य 3,500 रुपये प्रति टन की माँग को लेकर धरना दे रहे किसानों को अपना समर्थन दिया। शेट्टर ने किसानों को आश्वासन दिया कि, वह न्याय दिलाने के लिए संबंधित अधिकारियों के समक्ष उनकी चिंताओं को उठाएँगे। कर्नाटक राज्य रैयत संघ और हसीरू सेना तथा अन्य संगठनों के बैनर तले बेलगावी, विजयपुरा और बागलकोट जिलों के किसान 29 अक्टूबर से व्यस्त निपानी-मुधोल राज्य राजमार्ग को जाम किया हैं और गन्ने के उचित मूल्य की मांग कर रहे हैं।
पत्रकारों से बात करते हुए, शेट्टर ने कहा कि चीनी मंत्री और राज्य मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने पेराई सत्र शुरू होने से पहले गन्ने के मूल्य निर्धारण के मुद्दों को हल करने का हर संभव प्रयास किया था। उन्होंने कहा, राज्य परामर्श मूल्य तय करने का कानून बन चुका है, लेकिन किसानों के छह दिनों के विरोध प्रदर्शन के बावजूद मौजूदा सरकार चुप है। किसानों को उचित मूल्य की अपनी मांग में एकजुट रहना होगा। इतिहास गवाह है कि एकजुट किसान सरकारी फैसलों को प्रभावित कर सकते हैं।
शेट्टर ने आगे कहा कि, वह केंद्र द्वारा घोषित 10.5% वसूली दर के आधार पर उचित और लाभकारी मूल्य में संशोधन की किसानों की मांग को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित संबंधित अधिकारियों और केंद्र सरकार से व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे। चीनी राजनीति रैथा संघ के अध्यक्ष चिनप्पा पुजारी ने आरोप लगाया कि, जिले की चीनी मिलों पर प्रभावशाली राजनेताओं और मंत्रियों सहित नेताओं का नियंत्रण है, जो किसानों की मांगों में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि, लोक निर्माण विभाग और जिला प्रभारी मंत्री सतीश जारकीहोली, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी जारकीहोली, डॉ. प्रभाकर कोरे और अन्य लोग चीनी मिलों को नियंत्रित करते हैं।
उन्होंने सरकार से कार्रवाई करने और किसानों की मांगों को पूरा करने का आह्वान किया। वकीलों, पूर्व सैनिकों और संतों ने किसानों को अपना समर्थन देने के लिए धरना स्थल का दौरा किया। चिक्कोडी, गोकक, कागवाड, चन्नम्मा कित्तूर, बैलहोंगल और जिले के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए, जहां किसानों ने अपने आंदोलन के तहत गन्ना ले जा रहे वाहनों को भी रोका।











