पुणे (महाराष्ट्र) : चीनी आयुक्त डॉ. संजय कोलते ने गुरुवार (6 जून) को पुणे के हयात रीजेंसी में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ‘एग्रीनेक्स्ट समिट’ में मार्गदर्शन दिया। उन्होने कहा, पाँच लाख कुशल श्रमिकों और पाँच करोड़ किसानों को रोजगार देने वाले चीनी उद्योग की ‘जीडीपी’ में वर्तमान हिस्सेदारी डेढ़ प्रतिशत है। राज्य का चीनी उद्योग ‘एफआरपी’ के माध्यम से किसानों को सालाना 35,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व प्रदान करता है, जबकि सरकार को 6,325 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त होता है। चीनी उद्योग देश के किसानों को 60,000 करोड़ रुपये तक की आय प्रदान कर रहा है।
डॉ. कोलते ने विश्वास व्यक्त किया की, यदि यह उद्योग अपनी उप-उत्पाद क्षमता बढ़ाता है, तो न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसकी वर्तमान हिस्सेदारी तीन प्रतिशत तक बढ़ सकती है। कोलते ने बताया कि, चीनी आयुक्तालय ने एक व्यापक जैव ऊर्जा नीति तैयार कर राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए भेज दी है। इस अवसर पर सिद्धि विनायक एग्री प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक हेमंत गौड़, कॉन्फैब 360 डिग्री संस्थान की संस्थापक एवं सीईओ डॉ. निशु आयेदी, पेरिनियल इंटेलेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ योगेश देसाई, सीआईआई के पुणे संभाग के उप निदेशक विशाल लाल मंच पर उपस्थित थे।
योगेश देसाई ने कहा कि, कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए तकनीक के माध्यम से मांग और आपूर्ति के बीच मौजूदा अंतर को कम करना होगा। जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे बदलावों पर गंभीरता से विचार कर आगे की योजना बनानी होगी। डॉ. आयेदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियों को एक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। गौड़ ने कहा कि यदि कृषि का विकास करना है तो प्रसंस्करण उद्योग को प्राथमिकता देनी होगी।











