लातूर (महाराष्ट्र): केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, किसानों को समृद्ध बनाना होगा, इसके लिए वे केवल चीनी पर निर्भर नहीं रह सकते, इसलिए मिलों को उप-उत्पाद उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। किसानों का गन्ना उत्पादन प्रति एकड़ साठ टन से अधिक होने पर ही उन्हें लाभ होगा। किलारी स्थित श्री नीलकंठेश्वर सहकारी चीनी मिल के 42वें पेराई सत्र का उद्घाटन मंत्री गडकरी ने किया। वे इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मंत्री गडकरी ने कहा कि, मिल चलाना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। केवल चीनी बेचकर लाभ नहीं कमाया जा सकता। मिल मालिकों को एथेनॉल उत्पादन और डिस्टिलरी जैसे उप-उत्पाद उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे मिलों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और किसानों को समय पर गन्ने का उचित मूल्य मिल सकेगा। चीनी उद्योग में प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाना आवश्यक है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नैनो प्रौद्योगिकी की मदद से कृषि को अधिक वैज्ञानिक, कम खर्चीला और उत्पादक बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि, गन्ने का उत्पादन बढ़ने पर ही किसानों को वास्तविक लाभ मिलेगा।
विधायक अभिमन्यु पवार ने कहा कि, नीलकंठेश्वर चीनी मिल, जो बंद हो गई थी लेकिन अब किसानों के स्वामित्व में पुनः चालू हो गई है, महाराष्ट्र में इसका पहला उदाहरण है। हम गन्ने का उचित मूल्य देकर इस मिल को एक आदर्श बनाएंगे। नेचुरल शुगर के बी.बी.ठोंबरे ने विश्वास व्यक्त किया कि, यह मिल सुचारू रूप से चलकर किसानों के जीवन में क्रांति लाएगी। सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने मिल को सरकारी स्तर पर आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में राज्य कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष पाशा पटेल, विधायक संभाजी पाटिल निलंगेकर, विधायक रमेश कराड, भाजपा जिला अध्यक्ष बसवराज पाटिल, पूर्व सांसद सुधाकर श्रृंगारे, शिवाजी पाटिल-कवेकर, अर्चना पाटिल चाकुरकर, बब्रुवान खंदाडे, सुरेश बिराजदार, संताजी चालुक्य, शिवाजी माने, बबन भोसले, परीक्षित पवार उपस्थित थे।











