हावेरी/मुधोल: सरकार से गन्ने के प्रति टन आधिकारिक रूप से निर्धारित मूल्य सुनिश्चित करने की मांग को लेकर हावेरी में रात भर चला विरोध प्रदर्शन और बागलकोट जिले के मुधोल में 3,500 रुपये प्रति टन गन्ने की मांग को लेकर आंदोलन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। किसानों ने कहा, हावेरी जिले में तीन चीनी मिलें हैं। ये मिलें 2,711 रुपये से 2,740 रुपये प्रति टन की दर की पेशकश कर रही हैं, लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। जब तक कीमत 3,300 रुपये प्रति टन तय नहीं हो जाती, हम अपना धरना जारी रखेंगे। उपायुक्त विजय महंतेश ने किसानों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने विरोध वापस लेने से इनकार कर दिया।
राज्य गन्ना उत्पादक संघ के ज़िला अध्यक्ष भुवनेश्वर शिदलपुर ने कहा, जब तक हावेरी जिले के किसानों को बेलगावी के किसानों के समान मूल्य नहीं मिल जाता, हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। मुधोल में, हसीरू सेना की राज्य इकाई के अध्यक्ष कोडिहल्ली चंद्रशेखर ने कहा कि जब तक सरकार गन्ने का वैज्ञानिक मूल्य तय नहीं कर देती, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। 2013 में, राज्य सरकार ने 350 रुपये प्रति टन की सब्सिडी की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि, अब भी ऐसा ही निर्णय लिया जाना चाहिए। जमखंडी शुगर्स के मालिक आनंद न्यामगौड़ा ने कहा, अगर किसान मिलों को गन्ना आपूर्ति करते हैं, तो हम पेराई शुरू कर देंगे। अगर नहीं, तो काम बंद रहेगा। अगर किसान गन्ना आपूर्ति करने के लिए सहमत होते हैं, तो जिला प्रशासन को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।












