कोल्हापुर (महाराष्ट्र): ‘अथर्व’ अध्यक्ष मानसिंग खोराटे ने कहा कि, मजदूरों के विवाद समेत कई अन्य समस्याओं के बावजूद, दौलत फैक्ट्री को किसानों और ट्रांसपोर्टरों के अनुरोध पर ही शुरू किया गया था। लेकिन मंगलवार को कुछ लोगों ने मजदूरों को धमकाया और उन्हें काम पर आने से रोक दिया। खोराटे ने कहा कि, इससे मैं हताश हूँ और सभी से माफ़ी मांगते हुए फैक्ट्री बंद करने का फ़ैसला लेना पड़ रहा है। वे हलकर्णी स्थित फैक्ट्री कार्यस्थल पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
मजदूरों और अथर्व प्रशासन के बीच पिछले पंद्रह दिनों से विवाद चल रहा है। जिला कलेक्टर अमोल येडगे और प्रांतीय अधिकारी एकनाथ काळबांडे के समक्ष हुई बैठकों में 11 में से 9 मांगें मान ली गईं। उन्होंने कहा कि, वे बाकी दो माँगों पर आगे विचार करेंगे। इसके बाद भी मजदूर काम पर नहीं आए। बाद में, अन्य मजदूरों, ट्रांसपोर्टरों और किसानों के सहयोग से फैक्ट्री को शुरू किया गया; लेकिन मजदूर नेता उदय नारकर के कहने पर कुछ लोगों ने मंगलवार को काम पर आने वाले मजदूरों को धमकाया और रोका भी। इसलिए अध्यक्ष खोराटे ने कहा कि विवाद बढ़ाने से बेहतर है कि कारखाना बंद ही रखा जाए। उदय नारकर ने खुद आने वाले मजदूरों को रोकने और मारने, दहशत फैलाने के निर्देश दिए हैं। इसलिए खोराटे ने मांग की कि उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाए।












