किसानों की छवि खराब करने के लिए आगजनी की गई : किसान नेता का दावा

बागलकोट : 3,500 रुपये प्रति टन गन्ने की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। गन्ना किसानों का विरोध प्रदर्शन गुरुवार को हिंसक हो गया। गोदावरी शुगर्स फैक्ट्री के अंदर गन्ने से लदे ट्रैक्टरों में आग लगा दी गई। फैक्ट्री के अंदर कतार में खड़े ट्रैक्टर आग की लपटों में घिरे हुए दिखाई दे रहे थे। इस अफरा-तफरी में दो मोटरसाइकिलों में भी आग लगा दी गई। हालांकि, ‘चीनीमंडी’ से बात करते हुए किसान नेता सुभाष शिरगुर ने इस बात से इनकार किया कि,आगजनी के लिए किसान ज़िम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि, फैक्ट्री से जुड़े लोगों ने पुलिस अधिकारियों के सामने हिंसा को अंजाम दिया।उन्होंने कहा, हम हमारे हक की लढाई लड रहे है।

उन्होंने कहा, गन्ने से लदे ट्रैक्टरों में आग लगाने वाले हम नहीं हैं। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ गोयल खुद वहाँ मौजूद थे। उस तरफ से पत्थर फेंके गए, और हमारे लोग और कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए। उन्होंने कहा, हमलावरों ने पुलिस वाहनों और किसानों को निशाना बनाया और फैक्ट्री के अंदर आग जानबूझकर किसानों की छवि खराब करने के लिए” लगाई गई थी। इस घटना के बाद जमखंडी, रबकवी-बनहट्टी और मुधोल तालुकों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। उपायुक्त संगप्पा ने क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती के साथ सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आदेश जारी किया है।

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