सोलापुर : जिले में चीनी मिलें शुरू हुए लगभग एक महीना हो गया है।कुछ मिलें 1 से 2 लाख टन गन्ने की पेराई कर चुकी हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी चीनी मिल ने गन्ना मूल्य गतिरोध को नहीं तोड़ा है। इसी पृष्ठभूमि में, जिले के सभी किसान संगठन एकजुट हो गए हैं। सीतापुर जिले की गन्ना मूल्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में पंढरपुर तालुका में एक गन्ना सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें विभिन्न माँगें रखी गईं। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि, 21 तारीख तक गन्ने का पहला हफ्ता 3,500 रुपये घोषित किया जाए, अन्यथा 21 तारीख के बाद सभी गन्ने का परिवहन रोक दिया जाएगा।
किसान नेताओं ने कहा की, चीनी मिल मालिक एकजुट हुए हैं, उसी तरह किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी एकजुट होंगे।केंद्र सरकार ने भले ही एफआरपी बढ़ा दिया है, लेकिन रिकवरी बेस कम कर दिया गया है। जिसके कारण चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, इसे बढ़ाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा, सभी किसान साथ खड़े होंगे तो ही हमें इन मिल मालिकों से भी कोल्हापुर, सांगली, कर्नाटक की तरह अच्छे तरीके से अपना गन्ना मूल्य मिलेगा। पिछले 25 वर्षों से लगातार इन चीनी मिल मालिकों के खिलाफ लड़ते हुए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। अगली पीढ़ी को भी इस आंदोलन में शामिल होना चाहिए। इस अवसर पर दीपक भोसले ने कुछ प्रस्ताव प्रस्तुत किए, जिनका किसानों ने हाथ उठाकर अनुमोदन किया।इस अवसर पर रयत क्रांति के दीपक भोसले, प्रा. सुहास पाटील, ‘स्वाभिमानी’ के सचिन पाटिल, समाधान फते, नवनाथ माने, धोंडीराम घोलप, तानाजी बागल, रणजीत बागल, निवास नागणे उपस्थित थे।


















