नई दिल्ली : अक्टूबर 2025 में, पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण 20 प्रतिशत तक पहुँच गया, जबकि एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2024-25 के दौरान नवंबर 2024 से अक्टूबर 2025 तक संचयी मिश्रण 19.2 प्रतिशत रहा। पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में ईबीपी कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा प्राप्त एथेनॉल 98.2 करोड़ लीटर था, जो नवंबर 2024 से अक्टूबर 2025 तक कुल 1,003.1 करोड़ लीटर था। अक्टूबर 2025 में कार्यक्रम के तहत मिश्रित एथेनॉल की मात्रा 93.2 करोड़ लीटर थी, जिससे नवंबर 2024 से अक्टूबर 2025 तक कुल 1,022.4 करोड़ लीटर हो गया।
(स्रोत: पीपीएसी)
इस तीव्र प्रगति ने आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने में मदद की है, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा बचत हुई है और भारत के स्वच्छ एवं अधिक आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य की ओर संक्रमण को बल मिला है।
तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने ईएसवाई 2025-26 (चक्र 1) के लिए देश भर के निर्माताओं द्वारा प्रस्तुत 1,776 करोड़ लीटर प्रस्तावों के सापेक्ष लगभग 1,048 करोड़ लीटर एथेनॉल आवंटित किया है। ओएमसी ने ईएसवाई 2025-26 के लिए 1,050 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं।
आवंटन में मक्का की हिस्सेदारी सबसे अधिक 45.68 प्रतिशत (लगभग 478.9 करोड़ लीटर) है, इसके बाद एफसीआई चावल की हिस्सेदारी 22.25 प्रतिशत (लगभग 233.3 करोड़ लीटर), गन्ने का रस 15.82 प्रतिशत (लगभग 165.9 करोड़ लीटर), बी-हैवी की हिस्सेदारी 10.54 प्रतिशत (लगभग 110.5 करोड़ लीटर), क्षतिग्रस्त खाद्यान्न 4.54 प्रतिशत (लगभग 47.6 करोड़ लीटर) और सी-हैवी की हिस्सेदारी 1.16 प्रतिशत (लगभग 12.2 करोड़ लीटर) है।


















