मनिला : शुगर रेगुलेटरी एडमिनिस्ट्रेटर पॉल अज़ोना ने कहा, जापान के डीप प्लांटिंग टेक्नोलॉजी से गन्ने की पैदावार में 20.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। गन्ना हाथ से लगाने पर औसत पैदावार 63.92 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 77.23 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। उन्होंने कहा कि, SRA द्वारा जापान इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एग्रीकल्चर (JIRCAS) के साथ मिलकर की गई एक स्टडी के अनुसार, यह 28.2 बैग चीनी या प्रति हेक्टेयर P68,215 की इनकम में बढ़ोतरी के बराबर है।
अज़ोना और जापानी एम्बेसडर एंडो काज़ुया ने सोमवार को बैकोलोड शहर के बरंगे मानसिलिंगन में एक डेमो फार्म में डीप प्लांटिंग मशीन चलाई, जिसका उन्होंने इंस्पेक्शन किया। काज़ुया ने बैकोलोड के शुगरलैंड होटल में SRA और JIRCAS की लीडरशिप में 5 साल के जापान-फिलीपींस कोलैबोरेटिव रिसर्च के नतीजों पर एक सिंपोजियम में बात की, जिसका विषय “एक ज़्यादा मज़बूत और सस्टेनेबल शुगर इंडस्ट्री की ओर” था। एम्बेसडर एंडो काज़ुया ने कहा, हम फिलीपींस की गन्ना इंडस्ट्री को मजबूत करने के लिए इस जॉइंट इनिशिएटिव को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर फोकस किया गया है।
उन्होंने कहा कि, अब JIRCAS और SRA की रिसर्च कोशिशों का एक ज़रूरी हिस्सा, यह खराब मौसम में भी सस्टेनेबल गन्ना उत्पादन पक्का करता है। उन्होंने कहा कि, SRA और यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोक्यो ने मार्च 2025 में प्रैक्टिकल गन्ना रिसर्च को और आगे बढ़ाने के लिए एक एग्रीमेंट साइन किया था। उन्होंने कहा, इस पार्टनरशिप का मकसद नई टेक्नोलॉजी डेवलप करना और सिस्टम को बेहतर बनाना है।
इसमें यह भी पता लगाया जाएगा कि, गन्ना अलग-अलग इंडस्ट्रीज़ को कैसे फ़ायदा पहुंचा सकता है, जैसे कि बायोएथेनॉल का डेवलपमेंट। उन्होंने कहा कि, उनका आखिरी मकसद हमारे गन्ना किसानों की ज़िंदगी को बेहतर बनाना है, जिनकी लगन और बिना थके कोशिशें इस इंडस्ट्री की रीढ़ हैं। उन्होंने आगे कहा, मुझे पूरी उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट की सफलता से लंबे समय तक चलने वाला, अच्छा असर पड़ेगा।

















