नई दिल्ली : बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (FIs) ने नई गन्ना- या अनाज-आधारित डिस्टिलरी बनाने और मौजूदा डिस्टलरी की कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए 31 अक्टूबर, 2025 तक 42,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा के लोन मंजूर किए हैं, यह जानकारी कंज्यूमर अफेयर्स, फूड और पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन राज्य मंत्री नीमूबेन जयंतीभाई बंभानिया ने लोकसभा को दी।
उन्होंने कहा, सरकार को इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) से रिप्रेजेंटेशन मिला है, जिसमें ISMA ने दूसरी बातों के साथ-साथ कुल एथेनॉल खरीद का कम से कम 50% गन्ने से बने फीडस्टॉक के लिए रिजर्व करने की रिक्वेस्ट की है, ताकि मौजूदा कैपेसिटी का बराबर और आर्थिक रूप से सही इस्तेमाल पक्का हो सके।एथेनॉल सप्लाई ईयर (ESY) 2025-26 के लिए कुल 1050 करोड़ लीटर के एलोकेशन में से, 289 करोड़ लीटर गन्ने से बने फीडस्टॉक के लिए एलोकेटेड किया गया है।
मंत्री जयंतीभाई बंभानिया ने कहा कि, गन्ने से बनी डिस्टलरी की एथेनॉल प्रोडक्शन कैपेसिटी 838 करोड़ लीटर है। उन्होंने आगे कहा, मिनिमम सेलिंग प्राइस बढ़ाने, चीनी एक्सपोर्ट पॉलिसी अनाउंस करने और एथेनॉल खरीद प्राइस बढ़ाने के लिए अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स से रिप्रेजेंटेशन मिले हैं। इस बारे में, सरकार ने 14 नवंबर, 2025 को मौजूदा शुगर सीज़न 2025-26 के लिए 15 LMT चीनी के एक्सपोर्ट की इजाज़त दी है।


















