महाराष्ट्र : राज्य सरकार के निर्देश पर VSI के ग्रांट इस्तेमाल की जांच के लिए पांच लोगों की कमेटी बनाई गई

पुणे: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली मंत्रियों की कमेटी ने वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (VSI) को दिए गए ग्रांट के इस्तेमाल के जांच के लिए कमेटी स्थापित करने का ऐलान किया। आपको बता दे की, VSI की अगुवाई सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार कर रहे हैं, और उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार भी इसमें ट्रस्टी हैं। राज्य सरकार द्वारा शुगर कमिश्नर डॉ. संजय कोलते की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी 60 दिनों के अंदर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। इस कमेटी में पांच लोगों को शामिल किया गया है। इस कमेटी की ऑफिशियल घोषणा बुधवार, 3 दिसंबर को की गई।

आपको बता दे की, शरद पवार VSI के चेयरमैन हैं, और बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, पूर्व मंत्री दिलीप वळसे-पाटिल, जयंत पाटिल, हर्षवर्धन पाटिल और दूसरे बड़े नेता शामिल है।वसंतदादा पाटिल शुगर इंस्टीट्यूट (VSI) को दिए गए ग्रांट के इस्तेमाल की जांच होने वाली है। ‘VSI’ को 2009 से ग्रांट मिल रही है। ‘VSI’ को हर पेराई सीजन में हर टन गन्ने की पेराई पर एक रुपये की ग्रांट दी जाती है।

17 जून, 2009 के सरकारी फैसले के मुताबिक यह ग्रांट शुगर रिसर्च के लिए दी जाती है। राज्य में शुगर फैक्ट्रियों के गन्ना पेराई सीजन की प्लानिंग को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मिनिस्टीरियल कमेटी की मीटिंग में ‘VSI’ को दिए गए ग्रांट के मुद्दे पर चर्चा हुई। इसके मुताबिक, शुगर कमिश्नर की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई।इस कमेटी का मकसद ग्रांट का इस्तेमाल असली मकसद के हिसाब से हो रहा है या नहीं, यह देखना है।

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