बेंगलुरु : कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को 8 नवंबर के उस नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से मना कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 2025-2026 गन्ना सीजन के लिए तय फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (FRP) के अलावा ज्यादा गन्ने की कीमत तय की गई थी।
साउथ इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (कर्नाटक) और दूसरों ने कोर्ट में यह दलील दी कि चीनी उद्योग की हालत इतनी खराब है कि वे समय पर FRP भी नहीं दे पा रहे हैं। एसोसिएशन ने कहा कि सरकार ने कीमत तय करने की अपनी पावर का इस्तेमाल करते समय किसी कानून का पालन नहीं किया है।
हालांकि, जस्टिस सूरज गोविंदराज ने रेस्पोंडेंट (सरकार, किसान) को सुने बिना अंतरिम रोक लगाने से मना कर दिया, और कहा कि चीनी इंडस्ट्री चीनी और एथेनॉल बनाकर और एथेनॉल को दूसरी इंडस्ट्री में भेजकर पैसा कमाती हैं, लेकिन इसका एक हिस्सा गन्ना किसानों के साथ शेयर करने में हिचकिचाती हैं।
जज ने मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को तय की। एसोसिएशन ने इस आधार पर सरकारी नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की कि राज्य के पास केंद्र द्वारा तय की गई कीमत से ज्यादा कीमत की घोषणा करने का अधिकार नहीं है।


















